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डेडबॉडी हेल्पडेस्क पर कोरोना मृतकों के परिजनों की भीड़ बढ़ी

locationसूरतPublished: Apr 20, 2021 10:40:37 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

– न्यू सिविल अस्पताल में मौत और शव सौंपने के समय को घटाने की कवायद..
– सरकारी आंकड़े 25-30 और गाइडलाइंस से 100-125 का अंतिम संस्कार

डेडबॉडी हेल्पडेस्क पर कोरोना मृतकों के परिजनों की भीड़ बढ़ी

डेडबॉडी हेल्पडेस्क पर कोरोना मृतकों के परिजनों की भीड़ बढ़ी

सूरत.

कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ ही गंभीर मरीजों की मौत के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं। परिजनों को शव लेने के लिए कई घंटे इंतजार करना होता है। न्यू सिविल अस्पताल में कोविड-19 हॉस्पिटल में डेडबॉडी मैनेजमेंट के लिए हेल्पडेस्क की शुरुआत की है। यहां प्रतिदिन सरकारी आंकड़े में 25 से 30 मौत बताई जाती है, लेकिन न्यू सिविल और स्मीमेर अस्पताल से प्रतिदिन 100 से अधिक शवों को प्लास्टिक के बैग में पैक करके कोरोना गाइडलाइंस के साथ अंतिम संस्कार हो रहा है।

राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। सूरत में सबसे अधिक कोरोना पॉजिटिव के गंभीर मरीजों की मौत हो रही है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की है। इससे व्यवस्थाओं में थोड़ा सुधार देखने को मिल रहा है। न्यू सिविल अस्पताल में किडनी-हार्ट अस्पताल बिल्डिंग में डेडबॉडी हेल्पडेस्क बनाया गया है। चिकित्सकों ने बताया कि यहां ओल्ड बिल्डिंग और किडनी अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की मृत्यु होने पर शव किडनी अस्पताल के कोल्ड स्टोरेज में रखने की व्यवस्था की गई है। इसी जगह से परिजनों को एम्बुलेंस की व्यवस्था के साथ शव पैक करके दिया जाता है। पिछले कुछ समय से कोरोना पॉजिटिवि, निगेटिव और संदिग्ध मरीजों की मौत के मामले बढ़ गए हैं।

मरीजों की मौत के बाद परिजनों को शमशान गृहों पर भी लम्बी वेटिंग से होकर गुजरना होता है। मनपा स्वास्थ्य विभाग ने हाल में ही पाल क्षेत्र में एक पुराना बंद शमशान गृह भी कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए शुरू किया है। यहां प्रतिदिन 60 से 70 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। वराछा अश्विनी कुमार शमशान गृह, उमरा शमशान गृह में भी कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई है।
सीनियर 2 डॉक्टरों के साथ 28 की तैनाती

डेडबॉडी मैनेजमेंट के लिए टीम बनाई गई है। इसमें असिस्टेंट आरएमओ डॉ. लक्ष्मण तिहलानिया, फोरेन्सिक विभाग के डॉ. चन्द्रेश टेलर को जिम्मदारी दी गई है। इनके साथ अन्य आठ डॉक्टर भी शिफ्ट में लगाए गए है। शवों को सेनिटाइज करके प्लास्टिक के बैग में पैक करके परिजनों को देने के लिए 28 कर्मचारी भर्ती किए गए हैं। स्टेम सेल में 10, किडनी अस्पताल में 10 और ओल्ड बिल्डिंग में 8 स्टाफ डेडबॉडी पैक करने के लिए नियुक्त किए गए है। सीनियर डॉक्टरों की मौजूदगी के कारण थोड़ा जल्दी शव मिले ऐसी व्यवस्था की गई है। शवों के मैनेजमेंट के लिए ऊंचे वेतन पर कर्मचारियों की भर्ती की गई है।
सूरत में कोरोना मृतकों की स्थिति

दिनांक /गाइडलाइंस से /रिकार्ड पर

19 अप्रेल -107 -28

18 अप्रेल -108 -24

17 अप्रेल -115 -26

16 अप्रेल -110 -24

15 अप्रेल -98 -25
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