मामला इस प्रकार है कि सूरत रेलवे स्टेशन पर टीटीई को ट्रेनों में ड्यूटी देने वाले सीटीआई (स्लीपर) शैलेन्द्र वर्मा और नंदूरबार निवासी टीटीई डी.बी. सावंत के बीच ड्यूटी को लेकर हुई टेलिफोनिक बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। इसमें एक अधिकारी अपने साथी कर्मचारी से लीव रिजर्व (एलआर) में खुद को रखने के लिए 25,000 रु. का भाव चलने की बात कह रहा है। यह ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद राजस्थान पत्रिका ने सोमवार के अंक में ‘सूरत में टीटीई को मनपसंद ड्यूटी देने का रेट 25,000 रु’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया और सोमवार को सीटीआई स्लीपर को निलम्बित कर दिया गया। इस घटना में नंदूरबार के टीसी सावंत को मुम्बई में मंगलवार को जवाब तलब किया गया है।
सूरत रेलवे स्टेशन पर डीआरएम जी. वी. एल. सत्यकुमार ने बताया कि घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है। इस तरह की कोई भी गतिविधियों पर रेलवे प्रशासन बहुत सख्त है। दूसरी तरफ, टीटीई का स्क्वॉयड कब से शुरू होगा? इस बात पर अभी तक रेलवे ने कोई निर्णय नहीं किया है। सूरत में टीटीई का स्क्वॉयड शुरू नहीं होने के कारण रोजाना पश्चिम रेलवे को लाखों रुपए का घाटा हो रहा है।