भरुच के होटल रंग इन के पास गरबा प्लॉट में भी लोगों की भीड़ लग रही है। इसके अलावा शहर के प्रीतम सोसायटी, अयोध्यानगर, सिद्धनाथनगर सोसायटी में भी गरबे की धूम देखने को मिल रही है। शहर की विभिन्न सोसायटियों और मोहल्लों में शेरी गरबा की भी रंगत दिख रही है। नवरात्र को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
गरबे की धूम, खनके डांडिया
बारडोली. बारडोली सहित सूरत और तापी जिले में नवरात्रि महोत्सव की धूम मची हुई है। जगह-जगह शेरी गरबा से लेकर बड़े-बड़े कॉमर्शियल गरबे आयोजित किए गए हैं।
बारडोली के स्वराज आश्रम ग्राउंड में लोटस ग्रुप की ओर से नवरात्रि महोत्सव दिव्यांग बच्चों की सहायता के लिए आयोजित किया गया है। जिसमें दिव्यांग बच्चे भी उत्साह से गरबे खेल रहे हैं। उधर, स्वर्णिम ग्रुप द्वारा आयोजित गरबा महोत्सव में भी बड़ी संख्या में लोग पारंपरिक वेशभूषा धारण कर माता के गरबा खेल रहे हैं।
बारडोली. बारडोली सहित सूरत और तापी जिले में नवरात्रि महोत्सव की धूम मची हुई है। जगह-जगह शेरी गरबा से लेकर बड़े-बड़े कॉमर्शियल गरबे आयोजित किए गए हैं।
बारडोली के स्वराज आश्रम ग्राउंड में लोटस ग्रुप की ओर से नवरात्रि महोत्सव दिव्यांग बच्चों की सहायता के लिए आयोजित किया गया है। जिसमें दिव्यांग बच्चे भी उत्साह से गरबे खेल रहे हैं। उधर, स्वर्णिम ग्रुप द्वारा आयोजित गरबा महोत्सव में भी बड़ी संख्या में लोग पारंपरिक वेशभूषा धारण कर माता के गरबा खेल रहे हैं।
दशहरा से शुरू होगी नर्मदा परिक्रमा, प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख परिक्रमावासी होते हैं शामिल
भरुच. देश में सदियों से जीवित माने जाने वाली नर्मदा नदी की परिक्रमा दशहरा से शुरू होगी। परिक्रमा में परिक्रमावासी दाएं किनारे पर नर्मदा माता रहे इस तरह से परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा में मात्र एक जोड़ी कपड़े के साथ परिक्रमा की जाती है जो व्यक्ति के अहंकार को तोडक़र परमात्मा के साथ उसका साक्षात्कार कराती है। नर्मदा परिक्रमा शुरू करने का उत्तम समय शरद पूर्णिमा माना जाता है, ताकि चार्तुमास के समय रुकने में कोई दिक्कत न हो।
भरुच. देश में सदियों से जीवित माने जाने वाली नर्मदा नदी की परिक्रमा दशहरा से शुरू होगी। परिक्रमा में परिक्रमावासी दाएं किनारे पर नर्मदा माता रहे इस तरह से परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा में मात्र एक जोड़ी कपड़े के साथ परिक्रमा की जाती है जो व्यक्ति के अहंकार को तोडक़र परमात्मा के साथ उसका साक्षात्कार कराती है। नर्मदा परिक्रमा शुरू करने का उत्तम समय शरद पूर्णिमा माना जाता है, ताकि चार्तुमास के समय रुकने में कोई दिक्कत न हो।
प्रति वर्ष डेढ़ लाख से ज्यादा परिक्रमावासी अमरकंटक से परिक्रमा की शुरुआत करते हैं और परिक्रमा का समापन भरुच जिले की हांसोट तहसील के वमलेश्वर गांव में आकर नौका में सवार होकर नर्मदा पार करके दहेज मीठी तलावडी में जाकर करते हैं। परिक्रमा के समय प्राकृ तिक आपदा से परिक्रमा वासियों को बचाने के लिए शास्त्रोक्त विधि से नर्मदा माता की पूजा की गई।