जुलाई से नवम्बर तक कोरोना के मामले कभी-कभार मिल रहे थे। कोविड संक्रमितों की संख्या इकाई में रह गई। कोविड़ के केस कम होते ही लोग कोरोना वायरस के खतरे को भूल चुके हैं। कइयों ने तो मास्क पहनना भी बंद कर दिया या मास्क को चेहरे पर लटका कर रखते हैं। डॉक्टरों के अनुसार बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनमें कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज ले ली हैं। वे अब बेफिक्र हो गए हैं, जबकि मास्क पहनना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। मास्क नहीं पहनने पर वो संक्रमण फैलाते रहते हैं। जिले में संपूर्ण उद्योग, परिवहन, धर्मस्थल, पर्यटन आदि सब कुछ खुल गए हैं, जिससे लगता है कि लोग कोरोना से लड़ नहीं रहे हैं।
स्कूलों में स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश
कोरोना से बचाव के लिए स्कूलों में विद्यार्थियों को स्क्रीनिंग एवं हैंड सैनेटाइज के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। जिले की सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन हो रहा है।