कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरु होने के बाद से सरकार ने लोगों के जमावड़े को रोकने के लिए कई बाजारों की दुकानें बंद करवा कर मिनी लॉकडाउन लगा दिया है। शादी, शोकसभा समेत तमाम तरह के कार्यक्रमों की सीमित कर दिया गया है। लेकिन शहर के विभिन्न इलाकों में स्थित खुले मैदानों में क्रिकेट के लिए होने वाले जमावडों पर कोई रोक-टोक नहीं है। गोडादरा रोड स्थित केपीटल स्क्वेयर के सामने खुले मैदान में सुबह और शाम के समय कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है।
शहर में यह अकेला मैदान नहीं जहां ऐसे हालात बन रहे हों। शहर के डिंडोली, लिम्बायत, उमरा, रांदेर, अडाजण, वराछा, पुणागाम, भेस्तान समेत अलग-अलग इलाकों में ऐसे दर्जनों खेल के मैदान हैं, जहां क्रिकेट खेलने वालों का जमावड़ा जुटता है। आम दिनों में तो इन मैदान में सिर्फ रविवार को ही जमावड़ा होता था। लेकिन फिलहाल शहर के अधिकतर स्कूलों में ऑनलाइन परीक्षाएं भी हो चुकी हैं। इस वजह से इन दिनों मैदानों में बच्चों का जमावड़ा बढ़ गया है। अधिकतर दुकानें व रोजगार बंद होने के कारण युवा भी बड़ी संख्या में क्रिकेट खेलने के लिए आते हैं।
अधिकतर स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स हैं बंद
सरकार ने कोविड गाइड लाइन के तहत स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में बिना दर्शकों या किसी तरह के जमावड़े के एसओपी का पालन कर खेल व अभ्यास प्रतियोगिताओं के आयोजन की अनुमति दे रखी है। करोना संक्रमण से पैदा हुए भयावह हालात के चलते अधिकतर बड़े स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स के संचालकों ने खेल प्रतियोगिताएं व अभ्यास भी बंद कर रखा है। सूरत डिस्ट्रिक क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव डॉ. निमेष देसाई ने बताया कि गत 7 अप्रेल से ही सभी तरह की गतिविधियां बंद कर दी गई हैं और अब सीजन भी खत्म होने वाला है।
कोई नहीं आता जांच के लिए
कपड़ा व्यापारी संजय सोनी ने बताया कि संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए व्यापारिक गतिविधियों पर तमाम तरह के नियंत्रण लाद दिए गए हैं। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, नाइट कफ्र्यू के नियमों की पालना करवाने और व्यापारियों से पेनल्टी वसूलने के लिए मनपा व पुलिस की टीमें सक्रिय हैं। सुबह-शाम क्रिकेट के मैदानों में होने वाले जमावड़ों को रोकने के लिए प्रशासन के पास कोई प्लान नहीं है। इन मैदानों में जुटने वाले लोगों को रोकने के लिए मनपा का परिंदा भी यहां नहीं आता।