शीतला अष्टमी: महिलाओं ने किया बास्योड़ा पूजन
सिलवासा. होली दहन के के आठवें रोज घर-घर शीतला अष्टमी की पूजा हुई। महिलाओं ने सुबह जल्दी शीतला मंदिर पहुंचकर पहले दिन तैयार कि या पवित्र प्रसाद, शीतल व्यंजन, चावल, नारियल, गुड़, अंकुरित अनाज, दही आदि का भोग लगाया एवं सुखी परिवार की कामना की।
इस साल शीतला माता की गुरुवार और शुक्रवार दो दिन पूजा-अर्चना की गई। शहर के बालाजी टाउनशिप और विनोबा भावे सिविल अस्पताल के शीतला माता मंदिर में दोपहर तक भीड़ रही।
इन्हें चेचक आदि कई रोगों का नाश करने वाली देवी भी कहा जाता है। चेचक से मुक्ति के लिए पहले दिन के बनाए शीतल व्यंजन, आटा, चावल, नारियल, गुड़, घी आदि से भी शीतला देवी की पूजा की जाती है। शीतला पूजन से चेचक, खसरा आदि प्रकोप घर से दूर रहते हैं।
सिलवासा. होली दहन के के आठवें रोज घर-घर शीतला अष्टमी की पूजा हुई। महिलाओं ने सुबह जल्दी शीतला मंदिर पहुंचकर पहले दिन तैयार कि या पवित्र प्रसाद, शीतल व्यंजन, चावल, नारियल, गुड़, अंकुरित अनाज, दही आदि का भोग लगाया एवं सुखी परिवार की कामना की।
इस साल शीतला माता की गुरुवार और शुक्रवार दो दिन पूजा-अर्चना की गई। शहर के बालाजी टाउनशिप और विनोबा भावे सिविल अस्पताल के शीतला माता मंदिर में दोपहर तक भीड़ रही।
इन्हें चेचक आदि कई रोगों का नाश करने वाली देवी भी कहा जाता है। चेचक से मुक्ति के लिए पहले दिन के बनाए शीतल व्यंजन, आटा, चावल, नारियल, गुड़, घी आदि से भी शीतला देवी की पूजा की जाती है। शीतला पूजन से चेचक, खसरा आदि प्रकोप घर से दूर रहते हैं।