OMG : निजी अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत
- वराछा में दो डाक्टरों के खिलाफ सदोष मनुष्य वध का मामला दर्ज...
- सामान्य डेंगू को हेमरेजिक डेंगू बता कर गलती छिपाने प्रयास!
- A case of sad manslaughter was registered against two doctors in Varachha ...
- Attempt to hide common dengue by revealing hemorrhagic dengue!

सूरत. वराछा के एक निजी अस्पताल के दो चिकित्सकों की लापरवाही के चलते डेंगू के एक मरीज की मौत होने का मामला सामने आया है। इस संबंध में वराछा पुलिस ने दोनों चिकित्सकों के खिलाफ सदोष मनुष्य वध की धारा के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस के मुताबिक, त्रिकमनगर हेप्पी बंगलोज निवासी विरल पुत्र रमेश कोराट को डेंगू होने के कारण गत 25 जुलाई 2020 को रेणुका भवन स्थित मारुति मल्टी स्पेशयलिटी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था। वहां डॉ. महेश नावडिया व डॉ. घनश्याम पटेल ने सिटी स्कैन पर बताया था कि रिर्पोट नार्मल है, लेकिन विरल के पेट में दर्द हो रहा था।
सोनाग्राफी रिपोर्ट में पेट व फेफड़ों में पानी होने की बात सामने आई थी। इस पर डॉक्टरों ने कहा था कि डेंगू में ऐसा होता है। उन्होंने इसके लिए चिन्ता नहीं करने की बात कही थी। 28 जुलाई 2020 को विरल की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उसका शरीर फूलने लगा। डॉक्टर महेश ने ऑक्सीजन लेवल की जांच की उसके बाद स्टीम देना शुरू किया।
इससे और तबीयत बिगडऩे लगी। इस पर उन्हें इंजेक्शन दिए और परिजनों को बाहर निकाल दिया। विरल के बहनोई सीमाड़ा गांव कुबेरनगर सोसायटी निवासी पारस वघासिया ने डॉक्टर से उसकी हालत के बारे में पूछा तो बताया कि पांच मिनट या फिर एक घंटे कुछ भी हो सकता है। विरल की जान बचाने के लिए उन्होंने उसे दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने का निर्णय किया।
आरोप है कि एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने के कारण उन्होंने सिलेन्डर देने की मांग की। उसमें भी नर्सो ने अधिक समय लिया। वे किसी तरह से विरल को दूसरे अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने विरल को मृत घोषित किया।
इस पर पारस ने दोनों डॉक्टरों के खिलाफ वराछा थाने में लिखित शिकायत दी थी। जिस पर विशेषज्ञों की अनुमति मिलने पर वराछा पुलिस ने शुक्रवार को दोनों डॉक्टरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (ए), 336 व 114 के तहत मामला दर्ज किया। दोनों डॉक्टर फरार बताए जा रहे हैं।
बीमारी का फर्जी रिकॉर्ड बनाया :
आरोप है कि दोनों डॉक्टरों ने उपचार में बरती गई लापरवाही छिपाने के लिए विरल के मेडिकल रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की। उसे सामान्य वायरल डेंगू फीवर था। जिसे बाद में रिकॉर्ड में उन्होंने हेमरेजिक डेंगू दर्शाया। उसके पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल आदि के रिकॉर्ड में भी छेड़छाड़ की। मृतक की पोस्टमार्टम रिर्पोट में भी इस बात की पुष्टि हुई कि विरल को हेमरेजिक शॉक नहीं हुआ था।
अब पाइए अपने शहर ( Surat News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज