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National cancer awareness day; कैंसरग्रस्त पति की सेवा करते-करते ऐसे मरीजों को समर्पित कर दिया जीवन

locationसूरतPublished: Nov 06, 2019 08:25:57 pm

राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस पर विशेष : अधिवक्ता फरीदा पठान ने बनाया ट्रस्ट, अब तक 1000 से अधिक कैंसर पीडि़तों की मदद

National cancer awareness day; कैंसरग्रस्त पति की सेवा करते-करते ऐसे मरीजों को समर्पित कर दिया जीवन

National cancer awareness day; कैंसरग्रस्त पति की सेवा करते-करते ऐसे मरीजों को समर्पित कर दिया जीवन

सूरत. ‘तेरा गम अपना कर जाना/ दुनियाभर के गम अपने हैं।Ó रामपुरा क्षेत्र निवासी अधिवक्ता फरीदा पठान ने कैंसरग्रस्त पति की सेवा करते-करते वकालत का पेशा छोड़ कर अपना जीवन कैंसर के मरीजों को समर्पित कर दिया है। उसने उम्मीद कैंसर रिलीफ ट्रस्ट की स्थापना की और अब तक एक हजार कैंसर पीडि़तों की सहायता कर चुकी है।
National <a  href=
Patrika .com/tags/cancer/”>cancer awareness day; कैंसरग्रस्त पति की सेवा करते-करते ऐसे मरीजों को समर्पित कर दिया जीवन” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/11/06/su0716cm_pateint_-2_5324637-m.jpg”> फरीदा मूलत: दाहोद की निवासी है। अयूब खान पठान के साथ उसने 2002 में प्रेम विवाह किया था। दोनों अधिवक्ता थे। उनका वैवाहिक जीवन खुशी से बीत रहा था, तभी 2012 में पता चला कि अयूब को हेडोनेक (मुंह का) कैंसर है। फरीदा ने पति के स्वस्थ के लिए काफी दौड़भाग की। जहां उम्मीद दिखाई देती, वह पति को लेकर उपचार के लिए वहां पहुंच जाती। मुंबई के बड़े अस्पताल से लेकर वह दरगाह, मौलाना, भगत सभी जगह गई। पति के उपचार के लिए उसने जेवर और संपत्ति तक बेच दी, लेकिन छह साल की लड़ाई के बाद अयूब जिंदगी से हार गया। कैंसरग्रस्त पति की सेवा करते-करते फरीदा ने ठान लिया था कि वह अपना जीवन कैंसर पीडि़तों के लिए समर्पित कर देगी। उसर्ने 2015 में उम्मीद कैंसर रिलीफ ट्रस्ट की स्थापना की और कैंसर पीडि़तों की सेवा करने लगी। वह कैंसर के मरीजों और उनके परिजनों को मागदर्शन के साथ खुद अस्पताल ले जाती है। सरकारी योजनाओं के तहत उनके ऑपरेशन के लिए प्रयास करती है। जिन मरीजों को सरकारी योजना का लाभ संभव नहीं होता, उनके लिए वह अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर खर्च में राहत दिलाने का प्रयास करती है। सर्जरी के बाद मरीजों की ड्रेसिंग वह खुद करती है। फरीदा ने बताया कि चार साल के दौरान वह एक हजार से अधिक कैंसर पीडि़तों की सहायता कर चुकी है। वह जिंदगीभर यह सेवा करती रहेगी।

प्रेम और अपनेपन का एहसास जरूरी

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cancer awareness day; कैंसरग्रस्त पति की सेवा करते-करते ऐसे मरीजों को समर्पित कर दिया जीवन” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/11/06/su0716co__pateint_-4_5324637-m.jpg”>फरीदा का कहना है कि कैंसर की बीमारी व्यक्ति की खूबसूरती छीन लेती है। यदि पति को कैंसर हो तो पत्नी दूर हो जाती है और पत्नी को कैंसर हो तो पति दूर हो जाता है। ऐसे में बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति खुद को अकेला महसूस करने लगाता है और जिंदगी से हार जाता है। कैंसर संक्रमित बीमारी नहीं है, यह बात सभी को समझनी चाहिए। परिवार के किसी सदस्य को कैंसर हो तो उसे प्यार देने के साथ यह अहसास दिलाना चाहिए कि वह अकेला नहीं है। इससे वह अधिक साल जी सकता है। फरीदा कहती है कि हम कैंसर का नाम सुनते ही उम्मीद छोड़ देते हैं, लेकिन उपचार करवाए जाए तो मरीज को लम्बी जिंदगी दी जा सकती है।

अस्पताल बनाने का सपना


फरीदा ने बताया कि उसका सपना कैंसर पीडि़तों के लिए ऐसा अस्पताल बनाना है, जहां मरीज रह भी सकें और उनका उपचार भी हो। दक्षिण गुजरात में रेडिएशन सेंटर सिर्फ सूरत में होने के कारण दूर-दराज से कैंसर के मरीज यहां आते है। यहां रहने की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें और उनके परिजनों को काफी परेशानी होती है। इसलिए वह सरकार से मंजूरी लेकर मरीजों के उपचार के साथ उनके रहने की सुविधा वाला अस्पताल और मरीजों के लिए एम्बुलेंस सेवा शुरू करना चाहती है।
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