वह यूएन में लगातार इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसे अच्छी तरह जानता है। हर मोर्चे पर मुंह की खाने के बाद वह अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की दुहाई दे रहा है। भारत की सेना को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है। दो दिन पहले इमरान खान ने पीओके में कहा कि जब तक मैं न कहूं, एलओसी पर मत जाना।
राजनाथ ने कहा कि यह उन्होंने बहुत अच्छी सलाह दी, क्योंकि वह जानते हैं कि एलओसी पर भारत की फौज है। जो घुसपैठ की कोशिश करेगा, वह जिंदा नहीं बचेगा। ‘शहीदों को सलाम’ कार्यक्रम के विषय में उन्होंने कहा कि मैंने कल्पना नहीं की थी कि सूरत में ऐसा कुछ होगा। सूरत के लोगों को देख कर लगता है कि देश में भामाशाहों की कोई कमी नहीं है। जब तक ऐसे भामाशाह हैं, राणाप्रताप लड़ते रहेंगे। उन्होंने मारुति वीर जवान ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी विचार प्रस्तुत किए।
औरंगजेब और निसार के परिजन भी आए सूरत
कश्मीर में शहीद हुए पुंछ के जवान औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ और मां राजबेगम भी कार्यक्रम में शामिल हुए। कश्मीर के कोकेरनाग में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए सीआरपीएफ जवान निसार अहमद मदनी की पत्नी सिद्दीया और सुकमा में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए उत्तरप्रदेश के सुलतानपुर जिले के सीआरपीएफ जवान अनिल कुमार मौर्या के पुत्र भी सूरत आए। राजस्थान के नागौर जिले के ग्रेनेडियर हरि भाकर के परिजन भी कार्यक्रम में शामिल हुए।