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नायलोन यार्न पर एन्टि डम्ंिपंग ड्यूटी नहीं लगाने की मांग

locationसूरतPublished: Jul 11, 2019 08:41:02 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

एन्टि डम्ंिपंग ड्यूटी लगाने से वीवर्स के लिए संकट का भय

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सूरत
फैडरेशन ऑफ इन्डियन आर्ट सिल्क वीविंग इन्डस्ट्री ने विदेश से आयातित यार्न पर एन्टि डम्पिंग ड्यूटी नहीं लगाने की मांग की है। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।
फिआस्वी के पत्र में बताया गया है कि सूरत सहित देशभर में कपड़ा उद्योग में बड़े पैमाने पर नायलोन यार्न उपयोग में लिया जाता है, जो कि विदेश से आयात किया जाता है और घरेलू निर्माता भी तैयार करते हैं।लंबे समय से कपड़ा उद्योग में मंदी का माहौल है। वीवर्स के लिए मुश्किल का दौर है। ऐसे में नायलोन यार्न उद्यमियों ने चीन और वियतनाम से आयातित यार्न पर एन्टि डम्ंिपंग ड्यूटी लगाने की मांग की है जो कि गलत है। क्योंकि यदि आयातित यार्न पर एन्टि डम्ंिंपंग ड्यूटी लगाई गई तो हाल में जो यार्न वीवर्स को कम कीमत पर मिलता है वह अधिक कीमत पर मिलेगा। स्थानिक यार्न उत्पादक संगठन बनाकर मनमानी करे ऐसा भय भी है। इसलिए कपड़ा उत्पादकों के हित को ध्यान में लेकर आयातित यार्न पर एन्टि डम्ंिपग ड्यूटी नहीं लगाई जाए। कपड़ा उद्यमी मयूर गोलवाला ने बताया कि सूरत सहित देशभर में प्रतिमास 4-5 हजार टन नायलोन यार्न प्रतिमास इस्तेमाल होता है। इसमें 1500 टन यार्न चीन और वियतनाम से आयात किया जाता है। फैडरेशन ऑफ इन्डियन आर्ट सिल्क वीविंग इन्डस्ट्री के चेयरमैन भरतगांधी ने बताया कि यदि नायलोन यार्न पर एन्टि डम्ंिपंग ड्यूटी लगाई तो मंदी से परेशान कपड़ा उद्योग की हालत पतली हो जाएगी। इसलिए फिआस्वी ने विदेश से आयातित नायलोन यार्न पर एन्टि डम्पिंग ड्यूटी नहीं लगाने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि नायलोन यार्न से कपड़ा उद्यमी नाजनीन, पस्मीना, चिनोन,रोयल, केटोनिक बाय नायलोन आदि ग्रे की क्वॉलिटी बनाते हैं।

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