सूरत पार्किंग कॉन्ट्राक्टर एसोसिएशन की ओर से शनिवार को एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें एसोसिएशन के प्रमुख मोहम्मद तुफैल ने बताया कि मनपा संचालित 57 पे एंड पार्क शहर में कार्यरत है। इन्हें ठेके पर चलाने दिया जाता है। फिलहाल 23 ठेकेदारों के पास इन पार्किंगों का ठेका है, लेकिन 22 मार्च से अब तक पार्किंग बंद होने से ठेकेदार और उनके यहां काम करने वाले करीब एक हजार लोग बेरोजगार हो चुके है। तीन महीने से सभी घर पर ही बैठे है, जिससे बड़ा आर्थिक नुकसान उन्हें और खुद मनपा को भी उठना पड़ रहा है। फिलहाल शहर से बड़ी संख्या में लोग बाहर जा चुके है, ऐसे में पार्किंग की आय में भी कमी आना निश्चित है, तब मनपा की ओर से ठेकेदारों से हर महीने वासूली जानी वाली लाइसेंस फीस में 75 फीसदी छूट देने के साथ छह महीने तक सिर्फ 25 फीसदी ही लाइसेंस फीस वसूल कर पार्किंग शुरू करने की अनुमति देने की हमारी मांग है। इससे जो लोग पार्किंग से जुड़े है उनका रोजगार पुन:शुरू हो जाएगा।
मनपा को सालाना 12 करोड़ से अधिक की आय
प्रमुख मोहम्मद तुफैल ने बताया कि महानगरपालिका को पे एंड पार्क से सालाना 12 करोड़ रुपए से अधिक की आय होती है, लेकिन तीन महीने से पार्किंग बंद होने के कारण मनपा को भी बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। यदि मौजूदा हालात को देख 25 फीसदी लाइसेंस फीस के साथ पार्किंग शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो इससे मनपा की आय भी शुरू हो जाएगी।