बारिश: जलजमाव से बढ़ा डेंगू का खतरा
सूरतPublished: Jul 25, 2021 07:45:40 pm
स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया कीटनाशकों का छिड़काव
बारिश: जलजमाव से बढ़ा डेंगू का खतरा
सिलवासा. मानसून में जगह-जगह जलजमाव की समस्या पैदा हो गई है। आबादी विस्तार में पानी के ताल-तलैयों से मच्छरों की भिनभिनाहट बढ़ गई हैं। मच्छरों के बढऩे से डेंगू जैसे घातक रोग फैलने का खतरा सताने लगा हैं। अस्पतालों मे जीवाणुजनित रोगों के मरीज आने लगे हैं।
मानसून में डेंगू के मरीज बढ़ जाते हैं। जीवाणुजनित व डेंगू रोग से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कीटनाशकों का छिड़काव शुरू किया है। सोसायटी एवं आबादी विस्तार में कीटनाशक छिड़काव के लिए अलग-अलग टीम लगाई गई हैं।
एनवीडीसीपी प्रभारी डॉ. एस कुमार ने बताया कि मानसून में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है। यह खतरनाक बीमारी है जो शरीर में संक्रमण के बाद शक्तिहीन कर देती हैं। मानसून में जीवाणुजनित रोगों से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर आवश्यक जानकारी दे रहे हैं। लोगों को घर में रखे गमले, फ्रीज की ट्रे, वाटर टैंक, एसी, कुलर के पानी को रोजाना साफ करने की हिदायत दी जा रही हैं। घर व आसपास रखा कबाड़, खराब टायर एवं टंकिया आदि साफ रखने के बारे में लोगों को चेताया गया हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार डेंगू वायरस फैलाने वाला एडीस नामक मच्छर साफ पानी में जीवन निर्वाह करता हैं। वायरस ग्रसित एडीस मच्छर से पैदा होने वाली संतति (अंडा, प्यूपा, लार्वा) में भी संक्रमण मौजूद रहते हैं। डेंगू संक्रमित मच्छर के सूखे अंडे में डेंगू के वायरस काफी समय तक जीवित रह सकते हैं। पानी सूखने पर अंडे में मौजूद वायरस एक वर्ष तक सुरक्षित बने रहते हैं। संक्रमित अंडों को पानी मिलते ही डेंगू के वायरस जिंदा हो जाते हैं। एडिस मच्छर दिन या रोशनी में ही काटता हैं। अभी तक के अध्ययन में रात के अंधेरे में काटने वाली मच्छरों की प्रजातियों में डेंगू के वायरस नहीं मिले हैं।