स्कूल छुपाते हैं जानकारी
शहर में कई स्कूल गुजरात बोर्ड की मान्यता के लिए प्रयास कर रहे हैं। ऐसे स्कूल 9वीं से 12वीं तक विद्यार्थियों को प्रवेश दे देते हैं। बाद में विद्यार्थियों का भविष्य नहीं बिगडऩे का हवाला देकर वह मान्यता की गुजारिश करते हैं। अभिभावकों और विद्यार्थियों से मान्यता की जानकारी छुपाई जाती है। अभिभावकों और विद्यार्थियों को लगता है कि स्कूल के पास मान्यता होगी, तभी उन्हें प्रवेश दिया गया है। 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के आवेदन के समय पता चलता है कि स्कूल के पास मान्यता है या नहीं, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है।
संचालक मंडल भी मैदान में
निजी स्कूल शाला संचालक मंडल भी गैर-कानूनी स्कूलों के खिलाफ खड़ा हो गया है। मंडल ने तय किया है कि मंडल का सदस्य बनाने से पहले संचालकों से बोर्ड मान्यता का प्रमाण पत्र मांगा जाएगा। गैर-कानूनी स्कूल की मंडल किसी तरह की सहायता नहीं करेगा।
बोर्ड ने जारी किए 11वीं में प्रवेश के नियम
गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 11वीं विज्ञान वर्ग और सामान्य वर्ग में प्रवेश के नियम जारी किए हैं। स्कूलों को इन नियमों के अनुसार विद्यार्थियों को 11वीं में प्रवेश देने का आदेश दिया गया है। दोनों वर्गों में 22 मई से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। स्कूल को खुद के 40, अन्य स्कूल के 10 और आरक्षित वर्ग के 16 विद्यार्थियों समेत एक वर्ग में 66 विद्यार्थियों को प्रवेश देने का आदेश दिया गया है। नियमों की सूची वेबसाइट पर जारी कर दी गई है। साथ ही परिपत्र भी जारी किया गया है। नियम का उल्लंघन पाए जाने पर स्कूल और विद्यार्थी, दोनों को नुकसान हो सकता है।