सूरत

कैसे हो पैसे का हिसाब-किताब

सालाना 56 सौ करोड़ से अधिक के बजट वाली सूरत महानगर पालिका पिछले चार माह से डिप्टी कमिश्नर वित्त के बिना चल रही है।

सूरतAug 12, 2017 / 11:44 pm

शंकर शर्मा

Surat Municipal Corporation

विनीत शर्मा
सूरत. सालाना 56 सौ करोड़ से अधिक के बजट वाली सूरत महानगर पालिका पिछले चार माह से डिप्टी कमिश्नर वित्त के बिना चल रही है। मनपा के इस कामकाज की जानकारी गांधीनगर तक भी पहुंच चुकी है। गांधीनगर से प्रतिनियुक्ति पर डिप्टी कमिश्नर वित्त की कमान किसी आईएएस के हाथ आए, सत्तापक्ष पर उससे पहले इस पद को भरने का दबाव है।


मनपा के स्ट्रक्चरल ढांचे में डिप्टी कमिश्नर वित्त मनपा में हो रहे हिसाब-किताब का मुखिया होता है। मनपा का वित्त वर्ष २०१७-१८ का बजट ५६३८.१० करोड़ रुपए का है। इसमें २८२१.९५ करोड़ रुपए तो केवल केपिटल कामों पर ही खर्च हो रहे हैं। मनपा प्रशासन और सत्तापक्ष की लापरवाही का नतीजा है कि मनपा का वित्तीय लेन-देन का पूरा मामला बीते करीब चार माह से बगैर कप्तान के चल रहा है। जानकारों की मानें तो वित्तीय अनुशासन के प्रति मनपा प्रशासन की यह लापरवाही गांधीनगर तक पहुंच चुकी है। जिसके बाद राज्य सरकार अपनी ओर से प्रतिनियुक्ति पर किसी आईएएस को सूरत भेजने पर विचार कर रही है। एक बार छह माह की मियाद पूरी होने के बाद सूरत मनपा की वित्तीय कमान किसी आईएएस को थमा दी जाएगी।


गांधीनगर में इस हलचल के बाद सूरत का मनपा प्रशासन हरकत में आया है। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इस पद पर नई नियुक्ति की कवायद शुरू हो सकती है। सत्तापक्ष भी नहीं चाहता कि इस पद को छह माह से अधिक समय तक खाली रखकर राज्य सरकार को प्रतिनियुक्ति पर किसी आईएएस को भेजने का मौका दिया जाए।


सीधी भर्ती पर फोकस
डिप्टी कमिश्नर का पद इस बार महिला के लिए आरक्षित है। माना जा रहा है कि जिस तरह सिटी इंजीनियर पद पर भरत दलाल की सीधी भर्ती की गई, उसी तरह इस पद को भी सीधी भर्ती से भरा जा सकता है। इसके लिए या तो कमिश्नर को प्रस्ताव स्थाई समिति को भेजना होगा, या फिर स्थाई समिति खुद से प्रस्ताव लाकर कोई निर्णय करेगी।

यह है नियम
बीपीएमसी एक्ट के तहत कलम ४५ के पद को छह माह से अधिक समय तक रिक्त नहीं रखा जा सकता। यदि छह माह से ज्यादा समय तक इसे खाली रखा गया तो राज्य सरकार प्रतिनियुक्ति से इस पद को भर सकती है। पूर्व में राज्य सरकार ने प्रतिनियुक्ति पर आईएएस को भेजकर रिक्त पदों को भरा है। इसे भरने के लिए आवेदन मंगाए जा सकते हैं, जिनपर खड़ी समिति निर्णय करती है या फिर स्थाई समिति से सीधी भर्ती की जा सकती है। पूर्व में वीडी पटेल, प्रदीपसिंह झाला समेत कई अन्य अधिकारियों को भी डिप्टी कमिश्नर पद पर सीधी नियुक्ति दी गई है।

Home / Surat / कैसे हो पैसे का हिसाब-किताब

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.