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SURAT NEWS: धान की बुवाई में व्यस्त होने लगे धरतीपुत्र

locationसूरतPublished: Jul 05, 2019 09:30:31 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

भारी बारिश से खेतों में धानरोपण के लिए भरपूर पानी हो गया

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SURAT NEWS: धान की बुवाई में व्यस्त होने लगे धरतीपुत्र


सिलवासा. मानसून आगमन से खेतों में खुशहाली के गीत गूंजने लगे हैं। अच्छी बारिश से धरतीपुत्र खेतों की जुताई, धान की बुवाई में व्यस्त हो गए हंै। गत सप्ताह भारी बारिश से खेतों में धानरोपण के लिए भरपूर पानी हो गया है। इसके बाद मानसून सक्रिय रहने किसानों के चेहरे खिल गए हैं। आंबोली, रखोली, सायली, किलवणी, खानवेल, रूदाना, दपाड़ा, सुरंगी, खेरड़ी, सिंदोनी, दूधनी, कौंचा अंचल में बारिश का सिलसिला जारी है।
किसानों के अनुसार भारी बारिश से खेतों में पानी की कमी नहीं है। अगेती धान की रोपाई शुरू हो गई है। ट्रेक्टर या बैलों से जुताई के बाद धानरोपण के लिए खेत तैयार किए जाते हैं। पौधरोपण के दौरान खेत में पानी भरा होना चाहिए, ताकि पौधे की जडं़े जमीन में गहराई तक चली जाएं। मानसून थोड़ा देरी से आया है, फिर भी मौसम किसानों के अनुकूल बना हुआ है। गत माह अगेती धान के बीजों की बुवाई कर दी थी। यह पौध बढक़र बड़ी हो गई है। अब खेतों में धानरोपण का कार्य आरम्भ हो गया है। पर्वतीय क्षेत्र मांदोनी, सिंदोनी एवं कौंचा ग्राम पंचायतों में धान के अलावा मूंगफली, नांगली और मूंग की बुवाई चल रही है। किसान ढलान वाले खेतों में मूंगफली, मंूग, ज्वार की ज्यादा खेती करते हैं।
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19 हजार हेक्टेयर में खरीफ बुवाई का लक्ष्य
कृषि अधिकारी सुरेश भोया के अनुसार प्रदेश के 19 हजार हेक्टेयर भू-भाग पर खरीफ की खेती होती है। इसमें 16 हजार हेक्टेयर पर जुताई बुवाई का कार्य चल रहा है। खेतों में बुवाई से पूर्व प्राकृतिक खाद और आवश्यक पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। इस बार भारी बारिश के कारण खेतों में पानी की कमी नहीं है, जिससे किसानों को धानरोपण में आसानी हो गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में नांगली की खेती देरी से होती है।

प्रदेश में खरीफ की बुवाई लक्ष्य-
फसल लक्ष्य हेक्टेयर में
धान 17000
दलहन 1000
अन्य 1000

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