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मंदी से पीडि़त हीरा उद्योग को क्रिसमस से उम्मीद

locationसूरतPublished: Nov 15, 2018 07:23:21 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

दुनिया में तैयार होने वाले हीरों में से 90 प्रतिशत से अधिक हीरे सूरत में तराशे जाते हैं

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मंदी से पीडि़त हीरा उद्योग को क्रिसमस से उम्मीद

सूरत
एक साल से मंदी से पीडि़त हीरा उद्योग को दिसंबर में क्रिसमस के कारण हीरों की अच्छी मांग रहने की उम्मीद है। कई बड़े हीरा उद्यमियों ने क्रिसमस को ध्यान में रखते हुए तैयारी भी शुरू कर दी है।
दुनिया में तैयार होने वाले हीरों में से 90 प्रतिशत से अधिक हीरे सूरत में तराशे जाते हैं। यहां तैयार होने वाले हीरों में से 90 प्रतिशत हीरे अमरीका और यूरोप के देशों में निर्यात किए जाते हैं। क्रिसमस का त्यौहार विदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व पर वहां पर एक दूसरे को ज्वैलरी आदि भी देते हैं। इस कारण अक्टूबर और नवंबर महीने में विदेश में कट और पॉलिश्ड हीरों का निर्यात अच्छा रहता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सितम्बर महीने में 2365.88 कट और पॉलिश्ड हीरों और 830.35 मिलियन यु.एस डॉलर की गोल्ड ज्वैलरी का निर्यात हुआ है, जो कि अक्टूबर और नवंबर में बढऩे की आशा है। हीरा उद्योग पिछले एक साल से मंदी के दौर से गुजर रहा है। हीरा उद्यमियों को नवंबर में क्रिसमस की खरीद पर उम्मीद है। हीरा उद्यमियों का कहना है कि हीरा उद्योग में मंदी के साथ आर्थिक तरलता के संकट से हीरा उद्यमी जूझ रहे हैं। इसके अलावा पिछले तीन महीने में सूरत, मुंबई और एन्टवर्प में कई हीरा उद्यमियों ने पलायन कर लेने से छोटे और मध्यम हीरा उद्यमियों की हालत पतली हो गई है। सामान्य तौर पर क्रिसमस त्यौहार पर कट और पॉलिश्ड हीरों की अच्छी मांग रहती है। इसलिए हमें इस साल भी अच्छी खरीद रहने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि इस साल हीरा उद्योग में व्यापार कम रहने से कई छोटे कारखानों में उत्पादन घटाना पड़ा था और दिवाली वेकेशन भी ज्यादा रखा गया है। ऐसे ंमें यदि उन्हें क्रिसमस के लिए अच्छे ऑर्डर मिलते हैं तो हीरा उद्योग को ऑक्सीजन मिल जाएगा। ऑक्सीजन मिल जाएगा।
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