काम किया नहीं, बिल करवा लिया पास
गुजरात राज्य जमीन निगम लिमिटेड के दो अधिकारी गिरफ्तार
लाखों रुपए का घपला आया सामने

वलसाड. वलसाड जिले में खेततलावड़ी (तालाब) बनाने में घपले का बड़ा खुलासा करते हुए एसीबी ने गुजरात राज्य जमीन निगम लिमिटेड के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
एसीबी जांच में धरमपुर और कपराड़ा तहसील के पांच गांवों में 35 सर्वे नंबरों में तलावड़ी बनाए बिना ही काम पूरा दिखाकर लाखों रुपए गबन कर लिया गया। कई मामले में मृत व्यक्तियों के नाम पर खेततलावड़ी बनाने के दस्तावेज तैयार कर लिए गए।
गौरतलब है कि मार्च 2018 में एसीबी ने गांधीनगर स्थित गुजरात राज्य जमीन निगम लिमिटेड के मुख्यालय में छापेमारी करते हुए नकद 56.50 लाख रुपए बरामद किए थे। इसके बाद की गई जांच में व्यापक भ्रष्टाचार होने का मामला सामने आने पर राज्य के कई जिलों में जांच करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद एसीबी सूरत के पीआई बीके वनार के नेतृत्व में वलसाड जिले में जांच के लिए टीम बनाई गई थी।
कपराड़ा और धरमपुर के पांच गांवों में भ्रष्टाचार का पता चला था
जांच के दौरान एसीबी को कपराड़ा और धरमपुर के पांच गांवों में इस योजना में भ्रष्टाचार का पता चला था। इसके बाद एसीबी ने धरमपुर स्थित गुजरात राज्य जमीन निगम लिमिटेड धरमपुर के तत्कालीन फील्ड सुपरवाइजर और वर्तमान में सहायक नियामक प्रवीण कुमार बालचंद्र प्रेमल, विभाग के क्षेत्र निरीक्षक सुरेश रमण किशोरी, क्षेत्र सहायक यूसुफ अब्दुल रहमान, ठेकेदार सूफियान यूसुफ भीखा, ठेकेदार आदित्य विजयसिंह, ठेकेदार हेमंत नवनीत और तत्कालीन सहायक नियामक और वर्तमान में रिटायर जयंती हमीर पटेल के खिलाफ अलग-अलग फौजदारी के चार मामले दर्ज किए हैं। गुरुवार को एसीबी ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अहमदाबाद, धरमपुर समेत कई जगहों पर छापेमारी की और सुरेश रमण किशोरी तथा यूसुफ अब्दुल रहमान को गिरफ्तार कर लिया है।
लाखों का गबन
जांच के दौरान सामने आया कि कपराडा मधुबन गांव में तलावड़ी बनाए बिना ही सात जून 2016 से 10 जून 2016 के बीच नकली बिल और कागजात तैयार कर 13 लाख, 48 हजार, 778 रुपए, बारोलिया गांव में 25 जनवरी 2018 से 29 जनवरी 2018 के बीच दो लाख, 13 हजार, 27 रुपए, बरुमाल गांव में आठ लाख नौ हजार रुपए, धरमपुर के सिंगारमाल गांव में 13 मार्च 2018 से 17 मार्च 2018 के बीच आठ लाख, नौ हजार, 555 रुपए का बिल पास करवा लिया गया। जांच में यह सारा खेल ठेकेदारों और सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से करने की बात उजागर हुई है। एसीबी के अनुसार जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी करने का प्रयास किया जा रहा है।
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