दक्षिण गुजरात के सबसे बड़े सरकारी न्यू सिविल अस्पताल में एक सुविधा शुरू होती है तो दूसरी को लकवा मार जाता है। विधायक हर्ष संघवी ने सीटी स्कैन चालू कराने के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से गुहार लगाई थी। एइआरबी से लाइसेंस मिलने के बाद २५ दिसम्बर को सीटी स्कैन मशीन शुरू की गई, लेकिन यह मशीन शुरू होते ही रेडियोलॉजी विभाग के डिजिटल एक्स-रे को लकवा मार गया। सूत्रों ने बताया कि न्यू सिविल अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे प्लेटों की सप्लाइ तय है।
सीटी स्कैन के लिए एक मरीज को दो से तीन डिजिटल प्लेट की जरूरत होती है। सीटी स्कैन के लिए डिजिटल एक्स-रे प्लेटों की आपूर्ति अलग से नहीं होती। सूत्रों का कहना है कि न्यू सिविल अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे की सुविधा को अस्थायी तौर पर बंद किया गया है।
डिजिटल एक्स-रे के लिए मुहैया कराई जाने वाली प्लेटों का सीटी स्कैन के लिए उपयोग करने की जानकारी मिली है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो लाख डिजिटल प्लेट उपलब्ध करवाई जाती हैं, लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण पांच लाख से अधिक डिजिटल प्लेटों की जरूरत है। दो लाख डिजिटिल प्लेट खर्च होने के बाद स्थानीय स्तर पर डिजिटल प्लेटों की खरीद कर रेडियोलॉजी विभाग को दिया जाता है।
अधिकारी अनजान, मरीज परेशान
रेडियोलॉजी विभाग में मरीजों को डिजिटल एक्स-रे की सुविधा एक सप्ताह से नहीं मिल रही है, लेकिन इसकी जानकारी न्यू सिविल अस्पताल के अधिकारियों को नहीं है। राजस्थान पत्रिका ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. गणेश गोवेकर तथा आरएमओ डॉ. केतन नायक से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। डिजिटल एक्स-रे प्लेटों की आपूर्ति की जा रही है। रेडियोलॉजी विभाग ने डिजिटल एक्स-रे को लेकर कोई शिकायत नहीं की है।
यहां भी जुगाड़ का सहारा
न्यू सिविल अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब दो हजार और इमरजेंसी में सौ मरीज आते है। कई मामलों में मरीज को एक्स-रे के लिए कहा जाता है। मरीजों को प्लेन एक्स-रे निकाल कर देने की व्यवस्था है। अगर कोई मरीज डिजिटल एक्स-रे की मांग करता है तो उसके एक्स-रे का मोबाइल से फोटो खींच कर दे दिया जाता है। मरीज यह फोटो अपने मोबाइल में लेकर चिकित्सक को दिखाने के लिए मजबूर हैं।