कोजवे की अपस्ट्रीम में तापी में गिर रहे ड्रेनेज आउटलेट्स के कारण पानी में अमोनिया की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है। इस कारण हाइड्रोलिक टीम को पानी ट्रीट करने में भी खासी दिक्कतें आई हैं। कई बार ऐसे हालात भी बने, जब पानी में ऑक्सीजन की मात्रा इतनी कम हो गई कि मनपा की हाइड्रोलिक टीम को मशीन लगाकर ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ानी पड़ी। अमोनिया की मात्रा को लेकर मनपा आयुक्त ने कई बार चिंता जताई है और समीक्षा बैठकों में अधिकारियों की टीम को आड़े हाथों लिया।
तापी को शुद्ध रखने के लिए मनपा प्रशासन ने तापी शुद्धिकरण मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके पहले चरण में ४०८ करोड़ रुपए खर्च कर तापी की जीवंतता को बचाए रखने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत मनपा का मुख्य फोकस तापी में गिर रहे ड्रेनेज आउटलेट्स को बंद करना है। शुरुआत में मनपा प्रशासन ने वालक और वराछा खाड़ी का काम हाथ में लिया है। सबसे ज्यादा वेस्ट भी इन्हीं दोनों खाडिय़ों से तापी में गिरता है। तापी के पानी में खतरनाक स्तर को पार कर गई अमोनिया की मात्रा के लिए भी जानकार दोनों खाडिय़ों से तापी में गिर रहे वेस्ट को जिम्मेदार मानते हैं। दोनों खाडिय़ों से १६६ एमएलडी वेस्ट नदी में जाता है।
नेटवर्क का काम अंतिम चरण में
मनपा प्रशासन ने वराछा और वालक खाड़ी के वेस्ट को सीधे दरिया में डालने की कवायद शुरू की है। इसके लिए दोनों खाडिय़ों के तापी में गिरने वाली जगह पर बाड़ लगाकर उन्हें दरिया तक ले जाया जाएगा। इसके लिए ३२ करोड़ रुपए की लागत से पाइपलाइन की नेटवर्किंग का जाल बिछाया जा रहा है, जो वर्ष २०१८ के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद दोनों खाडिय़ों का वेस्ट तापी नदी की बजाय सीधे दरिया में गिरने लगेगा। मनपा अधिकारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में शहर की अन्य खाडिय़ों के वेस्ट को भी सीधे दरिया में डालने की योजना है। इसके अलावा सूडा क्षेत्र के उन २४ गांवों के वेस्ट को भी सीधे नदी में जाने से रोकने के उपाय किए जाएंगे।