गंदगी के पास ही आंगनवाड़ी संचालित
गंदगी के पास ही आंगनवाड़ी भी संचालित होती है। जहां 25 से 30 बच्चे आते हैं। कुछ महीने से गंदगी के कारण उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों को यहां भेजने में हिचकिचाने लगे हैं। आंगनवाड़ी के पास गंदगी के ढेर को हटाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दर्शिका डी पटेल ने लिखित में शिकायत भी की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आसपास के लोगों ने इस लापरवाही को बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बताया। इतना ही नहीं इस विस्तार में सडक़ पर कीचड़ और गंदा पानी जमा रहता है। इससे आने जाने में भी लोगों को काफी दिक्कत होती है।
गंदगी के पास ही आंगनवाड़ी भी संचालित होती है। जहां 25 से 30 बच्चे आते हैं। कुछ महीने से गंदगी के कारण उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों को यहां भेजने में हिचकिचाने लगे हैं। आंगनवाड़ी के पास गंदगी के ढेर को हटाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दर्शिका डी पटेल ने लिखित में शिकायत भी की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आसपास के लोगों ने इस लापरवाही को बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बताया। इतना ही नहीं इस विस्तार में सडक़ पर कीचड़ और गंदा पानी जमा रहता है। इससे आने जाने में भी लोगों को काफी दिक्कत होती है।
सुनने वाला कोई नहीं
एक अन्य महिला पार्वतीबेन ने कहा कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। लोगों का कहना है कि पंचायत में दो गुटों के बीच चल रहे विवाद के कारण गांव के विकास और लोगों की सुविधाओं का काम नहीं हो रहा है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सरपंच उर्मिलाबेन माह्यावंशी से इस बारे में बातचीत की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हुआ।