स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के एरिया डवलपमेंट प्रोग्राम के तहत ईस्ट और साउथ ईस्ट जोन में अलग-अलग सात टीपी स्कीम में २४ गुणा ७ पानी आपूर्ति की व्यवस्था की जानी है। इसके साथ ही शहर के अन्य चुनीदा इलाकों में भी 24 गुणा 7 पानी आपूर्ति के नेटवर्क के प्रस्ताव को सामान्य सभा के एजेंडे पर लिया गया था। चर्चा के दौरान विपक्ष ने इस व्यवस्था पर आपत्ति जताते हुए विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस पार्षद असलम साइकिलवाला ने इस व्यवस्था का विरोध करते हुए कहा कि सत्तापक्ष और सूरत मनपा प्रशासन पानी के नाम पर धंधा करना चाहते हैं। पानी को व्यापार बनाने के बयान पर महापौर ने ऐतराज जताया तो दोनों पक्षों की ओर से विवाद की स्थिति बन गई।
विवाद बढ़ता देख महापौर ने एजेंडा में शामिल शेष सभी प्रस्तावों को ध्वनिमत से मंजूर मानते हुए सामान्य सभा की कार्रवाई को संपन्न कर दिया। विपक्ष ने इस प्रस्ताव को मतदान के बजाय ध्वनिमत से पारित करने की व्यवस्था का भी विरोध किया। गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मनपा प्रशासन को केंद्र की गाइडलाइन के तहत इस क्षेत्र में 24 गुणा 7 पानी आपूर्ति की व्यवस्था करनी होगी। इससे पहले यूपीए शासन में जेएनएनयूआरएम के तहत भी यह बाध्यता थी, जिसके कारण कई क्षेत्रों में सूरत महानगर पालिका प्रशासन ने 24 गुणा 7 पानी आपूर्ति के नेटवर्क डालकर लोगों को २४ घंटे पानी आपूर्ति शुरू की है।
इससे पहले शून्यकाल में चर्चा के दौरान भी एक बार ऐसी स्थिति बनी थी, जब सामान्य सभा की कार्रवाई बाधित होते-होते बची। डेंग्यू पर बोलते हुए साइकिलवाला ने सूरत शहर को ब्रिज, डायमंड और टैक्सटाइल सिटी समेत डेंग्यू सिटी का तमगा दे दिया। अपने बयान के दौरान जैसे ही साइकिलवाला ने कहा कि सूरत प्रदेश में सबसे ज्यादा डेंग्यू प्रभावित शहर है, महापौर ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह गलत वक्तव्य है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सूरत प्रदेश के सर्वाधिक डेंग्यू प्रभावित शहरों में शीर्ष पर नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने साइकिलवाला को बैठने की हिदायत के साथ ही प्रश्नकाल शुरू करने का ऐलान कर स्थिति को संभाल लिया था।