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प्रसूति के बाद अधिक रक्तस्राव से गंभीर हुई महिला की डॉक्टरों ने जान बचाई

locationसूरतPublished: Jul 29, 2021 09:39:39 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

– 41 दिन तक चला इलाज, 20 दिन वेंटिलेटर पर और 17 ब्लड कंपोनेंट चढ़ाने से तबीयत में आया सुधार

प्रसूति के बाद अधिक रक्तस्राव से गंभीर हुई महिला की डॉक्टरों ने जान बचाई

प्रसूति के बाद अधिक रक्तस्राव से गंभीर हुई महिला की डॉक्टरों ने जान बचाई

सूरत.

महाराष्ट्र नंदूरबार निवासी एक गर्भवती महिला की प्रसूति के बाद रक्तस्राव नहीं रुकने के कारण चिकित्सकों ने उसकी बच्चेदानी निकालने का ऑपरेशन किया। बाद में महिला को गंभीर हालत में न्यू सिविल रेफर किया। गया। न्यू सिविल में गायनेक विभाग के चिकित्सकों आइसीयू में 41 दिन तक लम्बे इलाज के बाद उसकी जान बचा ली। परिजनों ने अस्पताल से छुट्टी मिलने पर बुधवार को चिकित्सकों को फूल देकर और मिठाई खिलाकर खुशी मनाई।
न्यू सिविल अस्पताल में गायनेक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. केदार त्रिवेदी ने बताया कि 18 जून को नंदूरबार के निजी अस्पताल से एक गर्भवती महिला प्रसूति के बाद अधिक रक्तस्राव के चलते गंभीर स्थिति में रेफर होकर आई थी। चिकित्सकों ने उसे गायनेक विभाग के आइसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं में प्रसूति के बाद अधिक रक्तस्राव सबसे अधिक माताओं में मौत का कारण बनते हैं। पीपीएच से पीडि़त गंभीर शिरीन जाफर शेख (24) को करीब 36 दिन आइसीयू में भर्ती रखा गया। इसमें 20 दिन वेंटिलेटर पर, वाजो प्रेशर सपोर्ट पर 14 दिन और अलग-अलग 17 ब्लड कंपोनेंट चढ़ाने के बाद शिरीन की तबीयत में सुधार शुरू हो गया।
शिरीन के 41 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने पर नंदूरबार से आए परिजनों तथा इंसाफ फाउंडेशन संस्था की ओर से चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। डॉ. केदार ने बताया कि पीपीएच मामले में मृत्युदर अधिक होती है। लेकिन न्यू सिविल अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंजनी श्रीवास्तव, डॉ. फाल्गुनी पटेल के मार्गदर्शन में रेजिडेंट डॉ. बिंदिया, डॉ. द्धितीया, डॉ. मिरल, डॉ. वृंदा, डॉ. मनन की टीम ने शिरीन का इलाज किया।
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