प्रशासन का प्रयास असफल
पानी की समस्या को दूर करने के लिए खाटाआंबा गांव के लोगों को दो किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है। इसके लिए वाहन का खर्च भी ज्यादा पड़ रहा है। प्रशासन ने गांव के लोगों की समस्या को दूर करने के लिए यहां कई बोर भी किए थे, लेकिन वह सफल नहीं रहे। यहां पर 700 फीट तक नीचे खोदने के बाद भी पानी मिलने की गारंटी नहीं है। गांव के लोगों का कहना है कि जूज डेम यहां से दो किलोमीटर है। यहां से पाइपलाइन की व्यवस्था की जाए तो पानी का समस्या हल हो सकती है। यह डेम 167.50 मीटर पर ओवरफ्लो होता है, लेकिन इन दिनों यहां पर 27.58 मीटर पानी है। इस डेम से 0.87 प्रतिशत पानी पीने के लिए आरक्षित किया गया है। सिंचाई का पानी छोडऩे के बाद भी पानी बचता है। यदि इस डेम की ऊचांई बढ़ा दी जाए तो लोगों की समस्या हल हो सकती है।
पाइपलाइन से मिल सकती है सुविधा
खाटाआंबा गांव में होली के बाद से ही पानी की समस्या शुरू हो जाती है। यहां से जूज डेम दो किलोमीटर ही दूर है। यदि अच्छी व्यवस्था की जाए और पाइपलाइन बिछा दी जाए तो समस्या दूर हो सकती है।
शांतिबेन सुरेशभाई, सरपंच, खाटाआंबा गांव
पानी की समस्या को दूर करने के लिए खाटाआंबा गांव के लोगों को दो किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है। इसके लिए वाहन का खर्च भी ज्यादा पड़ रहा है। प्रशासन ने गांव के लोगों की समस्या को दूर करने के लिए यहां कई बोर भी किए थे, लेकिन वह सफल नहीं रहे। यहां पर 700 फीट तक नीचे खोदने के बाद भी पानी मिलने की गारंटी नहीं है। गांव के लोगों का कहना है कि जूज डेम यहां से दो किलोमीटर है। यहां से पाइपलाइन की व्यवस्था की जाए तो पानी का समस्या हल हो सकती है। यह डेम 167.50 मीटर पर ओवरफ्लो होता है, लेकिन इन दिनों यहां पर 27.58 मीटर पानी है। इस डेम से 0.87 प्रतिशत पानी पीने के लिए आरक्षित किया गया है। सिंचाई का पानी छोडऩे के बाद भी पानी बचता है। यदि इस डेम की ऊचांई बढ़ा दी जाए तो लोगों की समस्या हल हो सकती है।
पाइपलाइन से मिल सकती है सुविधा
खाटाआंबा गांव में होली के बाद से ही पानी की समस्या शुरू हो जाती है। यहां से जूज डेम दो किलोमीटर ही दूर है। यदि अच्छी व्यवस्था की जाए और पाइपलाइन बिछा दी जाए तो समस्या दूर हो सकती है।
शांतिबेन सुरेशभाई, सरपंच, खाटाआंबा गांव