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दोस्तों के साथ तालाब में नहाने गए सातवीं के छात्र की डूबने से मौत

locationसूरतPublished: Sep 03, 2018 10:12:19 pm

सचिन स्पेशल इकोनोमी जोन के तालाब में दोस्तों के साथ नहाने गए बारह वर्षीय बच्चे की डूबने से मौत हो गई। दमकल विभाग ने शव बाहर…

Due to the drowning of a seventh student who was drunk

Due to the drowning of a seventh student who was drunk

सूरत।सचिन स्पेशल इकोनोमी जोन के तालाब में दोस्तों के साथ नहाने गए बारह वर्षीय बच्चे की डूबने से मौत हो गई। दमकल विभाग ने शव बाहर निकाला। पुलिस उसे पोस्टमार्टम के लिए न्यू सिविल अस्पताल लेकर आई। मृतक सातवीं कक्षा में पढ़ता था।

सचिन पुलिस के अनुसार सचिन आगम नवकार सोसायटी निवासी अमिताभ शर्मा का छोटा पुत्र शशांक (१२) रविवार सुबह दो-तीन दोस्तों के साथ घूमने निकला था। सभी सचिन क्षेत्र में स्पेशल इकोनोमी जोन के तालाब में नहाने पहुंचे। इसी दौरान शशांक डूबने लगा।

अन्य बच्चे घबरा कर बाहर निकल गए। बच्चों ने हल्ला मचाया तो लोगों को घटना की जानकारी मिली। सूचना मिलने पर दमकल विभाग के जवान वहां पहुंच गए। उन्होंने काफी देर तालाब में शशांक की तलाश की। बाद में उसका शव बाहर निकाला गया। शशांक के पिता अमिताभ मूल रूप से बिहार के छपरा जिले के निवासी हैं। वह डायमंड पार्क में सिक्यूरिटी विभाग में नौकरी करते हंै। इस हादसे से परिवार में शोक का माहौल है।

जमानत मिलने पर फरार हुआ था, दो साल बाद पकड़ा गया

बहुचर्चित अमित कपासियावाला हत्याकांड में जमानत मिलने पर लाजपोर जेल से फरार हुए एक आरोपी को क्राइम ब्रांच ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक भावसिंह उर्फ भावू दहिया २०११ में उमरा थाना क्षेत्र में हुए बहुचर्चित अमित कपासियावाला हत्याकांड में लिप्त था।

जमीनों पर कब्जे के विवाद को लेकर चल रही रंजिश में अमित कपासियावाला की अठवा लाइंस कोर्ट बिल्डिंग के सामने दिन दहाड़े धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने साजिश के मुख्य सूत्रधारों और अन्य आरोपियों के साथ भावसिंह को भी गिरफ्तार किया था। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। २०१६ में भावसिंह ने सात की दिन की अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। सुनवाई के बाद २३ जून, २०१६ से २९ जून, २०१६ तक की जमानत मंजूर की गई थी।

बाद में अदालत के आदेश पर इसे २३ जुलाई, २०१६ तक बढ़ाया गया था। २४ जुलाई को उसे लाजपोर जेल लौटना था, लेकिन वह फरार हो गया। जेल प्रशासन ने उसके खिलाफ उमरा थाने में मामला दर्ज करवाया था। उमरा पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर खोज की, लेकिन वह नहीं मिला। क्राइम ब्रांच को उसके बारे में मुखबिर से पुख्ता सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे धर दबोचा। दो साल तक पुलिस से बचने के लिए वह अलग-अलग स्थानों पर रहा। कुछ समय से वह कामरेज के मेघनम अपार्टमेंट में ठहरा हुआ था।

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