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मेट्रो की डीपीआर पर फिर होगी कवायद

locationसूरतPublished: Oct 17, 2017 04:09:15 am

मेट्रो ट्रेन के लिए जारी हुई नई पॉलिसी के बाद मनपा प्रशासन एक बार फिर डीपीआर पर कवायद करेगा। इस बार हालांकि पहले जैसा दबाव नहीं होगा, लेकिन राज्य सरका

Due to the Metro drill again

Due to the Metro drill again

सूरत।मेट्रो ट्रेन के लिए जारी हुई नई पॉलिसी के बाद मनपा प्रशासन एक बार फिर डीपीआर पर कवायद करेगा। इस बार हालांकि पहले जैसा दबाव नहीं होगा, लेकिन राज्य सरकार के साथ संवाद कर कुछ नीतिगत मुद्दों पर नए सिरे से जुटना होगा।

मनपा के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मेट्रो ट्रेन की डीपीआर के लिए मनपा को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। डीपीआर तैयार करने का जिम्मा दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) को सौंपा है। पुरानी पॉलिसी के हिसाब से डीपीआर बनाने के लिए डीएमआरसी की टीम कई बार सूरत आई थी और मनपा टीम के साथ संकलन किया था। डीपीआर तैयार होने पर उसे राज्य सरकार को भेजा गया था, जहां से मंजूरी के लिए केंद्र के पास थी। अब नए सिरे से उसमें बदलाव कर डीपीआर तैयार की जाएगी। इस पर मनपा ने काम भी शुरू कर दिया है, लेकिन नई पॉलिसी के मुताबिक कई मुद्दे ऐसे हैं, जिनमें राज्य सरकार को फैसला करना है।

इनमें स्थानीय और राज्य स्तर पर अर्बन मास्टर ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी का गठन मुख्य है। इसके साथ ही चैकलिस्ट के अन्य मुद्दों के लिए मनपा प्रशासन को राज्य सरकार से बुलावे का इंतजार है। राज्य सरकार को प्रदेश में अन्य जगहों पर चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट्स की परफार्मेंस भी देनी होगी। राज्य सरकार को बताना होगा कि अन्य शहरों में चल रहे प्रोजेक्ट्स लागत और समय के मानक पर ऐज पर शिड्यूल हैं या नहीं।

किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य के किसानों के हित में एक बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि किसानों को अब फसल ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर मिलेगा। राज्य के 25 लाख किसान परिवारों को इस निर्णय के कारण ब्याज के चक्र से मुक्ति मिल जाएगी।

रूपाणी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरक उपस्थिति में आयोजित गुजरात गौरव महासम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अभी 3 लाख के ऋण पर 7 प्रतिशत ब्याज दर पर किसान को फसल ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इस ऋण में 3 प्रतिशत केन्द्र सरकार एवं 3 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार वहन करती है।


किसानों को सिर्फ 1 प्रतिशत ही ब्याज चुकाना पड़ता है। अब यह 1 प्रतिशत ब्याज भी राज्य सरकार वहन करेगी जिससे किसानों को किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं भरना पड़ेगा।
रूपाणी ने कहा कि इस निर्णय के चलते गुजरात सरकार पर करीब 700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सरकार की तिजोरी किसानों के हित में खुली रखकर गुजरात सरकार ने यह किसानों के हित वाला कदम उठाया है।

 

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