मेमो मिलने पर अधिवक्ता ने गलती सुधार के लिए ट्रैफिक विभाग के सहायक पुलिस आयुक्त से शिकायत की है।
अधिवक्ता अल्पेश ठक्कर के मुताबिक 20 नवम्बर, 2018 को उन्होंने अपनी कार हिदायतउल्ला उस्मान दावड़ा को बेची थी और आरटीओ में नाम ट्रांसफर की प्रक्रिया भी कर दी थी। इसके बावजूद 28 अगस्त, 2019 के जनरेट किया गया इ-मेमो उन्हें भेजा गया, जिसमें छह चालान के जुर्माने के तौर पर 1500 रुपए जमा करवाने के लिए कहा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कार बेचने के बाद नाम ट्रांसफर पर करने के बावजूद भी उन्हें जिस तरह इ-मेमो भेजा गया है, उससे पता चलता है कि आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस विभाग में समन्वय नहीं और डाटा भी अपेडट नहीं किया गया है। उन्होंने गलती सुधार के लिए सहायक पुलिस आयुक्त से मांग की है।