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एक अप्रेल से ई-वे बिल लागू- क्या होगा छोटे और मध्यम कपड़ा व्यापारियों का

locationसूरतPublished: Mar 12, 2018 08:51:58 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

ई-वे बिल से लग्नसरा के कारोबार पर लगा ग्रहणजीएसटी के कारण पहले से घट गया पचास प्रतिशत व्यापार

file photo

सूरत

जीएसटी काउंसिल की मीटिंग से बड़ी उम्मीदें कर रहे कपड़ा व्यापारियों को शनिवार को फिर निराश होना पड़ा। व्यापारी चाह रहे थे कि उन्हें ई-वे बिल से कुछ और समय के लिए मुक्ति मिलेगी, लेकिन सरकार ने अप्रेल से ई-वे बिल अनिवार्य कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी के कारण पहले ही लग्नसरा मेें पचास प्रतिशत व्यापार घट गया था। ई-वे बिल लगने के बाद व्यापार चौपट होने की आशंका है।
कपड़ा व्यापारी जीएसटी लागू होने के बाद से रिटर्न फाइल की प्रक्रिया सरल करने से लेकर, ई-वे बिल से मुक्ति और छोटे व्यापारियों को जीएसटी से दूर रखने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार व्यापारियों को छोटी-छोटी राहत दे रही है। पहले 1 फरवरी से ई-वे बिल लागू होने की बात थी, लेकिन पहले दिन ही सर्वर नहीं चलने और नियमों की जटिलता के कारण सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया था। देशभर में व्यापारी संगठनों ने सरकार से पांच करोड़ से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को ई-वे बिल से मुक्त करने की मांग की थी। कपड़ा बाजार में नवसारी के सांसद सी.आर. पाटिल ने भी कुछ राहत देने की बात कही थी, लेकिन शनिवार को कपड़ा व्यापारियों को मिले झूठे आश्वासन की पोल खुल गई। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में दो राज्यों के बीच होने वाले व्यापार पर 1 अप्रेल से ई-वे बिल लागू करने की घोषणा कर दी गई। कुछ छूट दी गई, लेकिन वह कपड़ा उद्यमियों के लिए बेमानी है। उनका कहना है कि आरसीएम को तीन महीने तक रोक दिया गया, ट्रांसपोर्ट तक माल ले जाने के लिए ई-वे बिल की सीमा 10 किमी से बढ़ाकर 50 किमी कर दी गई, ई-वे बिल की वैधता 72 घंटे कर दी गई, लेकिन इससे व्यापार पर कोई अच्छा असर नहीं पड़ेगा। यदि सरकार ई-वे बिल एक साल के लिए स्थगित करती तो व्यापारियों को कुछ राहत मिलती। इसके अलावा पांच करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को आईटीसी-04 से राहत देनी चाहिए था। ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस कारण लग्नसरा की खरीद पर पानी फिर जाएगा। जीएसटी के कारण कपड़ा व्यापार पहले ही 50 प्रतिशत रह गया है, अब ई-वे बिल का नियम अनिवार्य होने से पूरे व्यापार पर पानी फिरने की आशंका है। छोटे व्यापारियों के लिए संघर्ष और कड़ा हो जाएगा।
ऑनलाइन बिल भेजना पड़ेगा

ई-वे बिल लागू होने के बाद अन्य राज्यों के व्यापारियों को ऑनलाइन बिल भेजना पड़ेगा। यहां के व्यापारी को भी ऑनलाइन ही ई-वे बिल पर काम करना होगा। इसके अलावा अन्य जानकारी भी ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। कई शहरों में इंटरनेट 24 घंटे उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में लग्नसरा की खरीद पर असर पड़ सकता है।
ब्रिज मोहन अग्रवाल, व्यापारी
सरकार ने कोई मांग नहीं सुनी
कपड़ा उद्यमियों ने आईटीसी-04 हटाने, ई-वे बिल को स्थगित करने और रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया बदलने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने कोई मांग नहीं सुनी। इन दिनों लग्नसरा की खरीद चल रही है। ई-वे बिल अनिवार्य होने से उस पर असर पड़ेगा।
चंपालाल बोथरा, व्यापारी
ई-वे बिल लागू होने का निर्णय
जीएसटी काउंसिल की बैठक में 1 अप्रेल से ई-वे बिल लागू होने का निर्णय किया गया है। व्यापारी आईटीसी-04 रद्द करने और अन्य कई मांग कर रहे थे। उन पर कोई फैसला नहीं किया गया।
रमाकांत गुप्ता, केविन शाह, सीए

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