राज्य के सरकारी प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए राज्य प्राथमिक शिक्षा विभाग ने एक समान परीक्षा प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। इसके अनुसार राज्य की सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों में एक समान प्रश्नपत्र दिए जाएंगे। जिस तरह राज्यभर में बोर्ड की परीक्षा होती है, वैसे ही प्राथमिक स्कूलों में परीक्षा होगी। इसके लिए निरिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। कक्षा 3 से 5 के विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र में ही उत्तर लिखने होंगे।
राज्य सरकार सरकारी प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता जांचने के लिए गुणोत्सव का आयोजन करती है। गुणोत्सव के आंकड़े हर बार चौकाने वाले होते हैं। इस बार के गुणोत्सव में सामने आया कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों के ज्यादातर विद्यार्थियों को पढऩा, लिखना और गिनती करना तक नहीं आता है। इसलिए प्राथमिक शिक्षा विभाग ने इसमें सुधार करने का प्रयास शुरू किया। इस प्रयास के तहत अब प्राथमिक शिक्षा विभाग ने राज्य की सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों की परीक्षा एक समान आयोजित करने का निर्णय किया है। परीक्षा का प्रश्नपत्र एक समान होगा साथ ही परीक्षा भी एक समय पर ही शुरू होगी। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने परीक्षा का समय और परीक्षा के गुणभार की सूचि जारी कर दी है।
प्रश्नपत्र में ही उत्तर लिखने होंगे
एक समान परीक्षा प्रणाली में सरकारी प्राथमिक स्कूल की कक्षा 3 से 5 में पढऩे वाले विद्यार्थियों को जो प्रश्नपत्र दिया जाएगा, उसमें उत्तर लिखने की व्यवस्था होगी। विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र में ही जवाब लिखकर देना होगा। कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों को जवाब लिखने के लिए अलग से उत्तर पुस्तिका दी जाएगी।
अन्य स्कूलों के शिक्षक बनेंगे निरीक्षक
बोर्ड की परीक्षा में नकल को रोकने के लिए निरीक्षकों की नियुक्ति की जाती है। साथ ही अलग शिक्षक से उत्तर पुस्तिका की जांच करवाई जाती है, ताकि कोई पक्षपात नहीं हो और परीक्षा में पारदर्शिता बनी रहे। उसी तरह अब सरकारी प्राथमिक स्कूलों में भी परीक्षा के दौरान अलग स्कूल के शिक्षकों को निरीक्षक का जिम्मा सौंपा जाएगा और अलग शिक्षक से उत्तर पुस्तिका की जांच करवाई जाएगी। तीन दिनों के अंदर शिक्षक को उत्तर पुस्तिका की जांच करके सौंपनी होगी।
– प्रथम परीक्षा से होगी शुरुआत
एक समान परीक्षा प्रणाली की शुरुआत प्रथम परीक्षा से हो जाएगी। इसके लिए प्राथमिक शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। साथ ही कौन सी कक्षा की कब कितने बजे और कितने अंक की परीक्षा होगी उसका भी समयपत्रक तैयार कर जारी कर दिया गया है।
राज्य सरकार सरकारी प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता जांचने के लिए गुणोत्सव का आयोजन करती है। गुणोत्सव के आंकड़े हर बार चौकाने वाले होते हैं। इस बार के गुणोत्सव में सामने आया कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों के ज्यादातर विद्यार्थियों को पढऩा, लिखना और गिनती करना तक नहीं आता है। इसलिए प्राथमिक शिक्षा विभाग ने इसमें सुधार करने का प्रयास शुरू किया। इस प्रयास के तहत अब प्राथमिक शिक्षा विभाग ने राज्य की सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों की परीक्षा एक समान आयोजित करने का निर्णय किया है। परीक्षा का प्रश्नपत्र एक समान होगा साथ ही परीक्षा भी एक समय पर ही शुरू होगी। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने परीक्षा का समय और परीक्षा के गुणभार की सूचि जारी कर दी है।
प्रश्नपत्र में ही उत्तर लिखने होंगे
एक समान परीक्षा प्रणाली में सरकारी प्राथमिक स्कूल की कक्षा 3 से 5 में पढऩे वाले विद्यार्थियों को जो प्रश्नपत्र दिया जाएगा, उसमें उत्तर लिखने की व्यवस्था होगी। विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र में ही जवाब लिखकर देना होगा। कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों को जवाब लिखने के लिए अलग से उत्तर पुस्तिका दी जाएगी।
अन्य स्कूलों के शिक्षक बनेंगे निरीक्षक
बोर्ड की परीक्षा में नकल को रोकने के लिए निरीक्षकों की नियुक्ति की जाती है। साथ ही अलग शिक्षक से उत्तर पुस्तिका की जांच करवाई जाती है, ताकि कोई पक्षपात नहीं हो और परीक्षा में पारदर्शिता बनी रहे। उसी तरह अब सरकारी प्राथमिक स्कूलों में भी परीक्षा के दौरान अलग स्कूल के शिक्षकों को निरीक्षक का जिम्मा सौंपा जाएगा और अलग शिक्षक से उत्तर पुस्तिका की जांच करवाई जाएगी। तीन दिनों के अंदर शिक्षक को उत्तर पुस्तिका की जांच करके सौंपनी होगी।
– प्रथम परीक्षा से होगी शुरुआत
एक समान परीक्षा प्रणाली की शुरुआत प्रथम परीक्षा से हो जाएगी। इसके लिए प्राथमिक शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। साथ ही कौन सी कक्षा की कब कितने बजे और कितने अंक की परीक्षा होगी उसका भी समयपत्रक तैयार कर जारी कर दिया गया है।