EDUCATION DEPT : प्रवासी शिक्षकों की सेवा मियाद फिर मार्च-19 तक बढ़ाई गई
सूरतPublished: Nov 19, 2018 08:50:32 pm
अनुदानित विद्यालयों में खाली पड़े हैं शिक्षकों के पद
EDUCATION DEPT : प्रवासी शिक्षकों की सेवा मियाद फिर मार्च-19 तक बढ़ाई गई
सूरत. शिक्षा विभाग ने प्रवासी शिक्षकों की सेवा की मियाद फिर बढ़ा दी है। इस बार मियाद मार्च 2019 तक बढ़ाई गई है। 10वीं और 12वीं के अनुदानित विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। दो साल से अनुदानित स्कूल प्रवासी शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं।
राज्य के सरकारी और अनुदानित स्कूलों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों के कारण शिक्षा पर असर पड़ रहा है। शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण विद्यार्थी और विद्यालय प्रशासन, दोनों परेशान हैं। गुजरात काउंसिल ऑफ सेकंडरी एज्युकेशन बोर्ड ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रवासी शिक्षकों की योजना शुरू की थी। इसके तहत विद्यालयों में प्रवासी शिक्षक नियुक्त किए गए। प्रति कक्षा के अनुसार इन शिक्षकों को शिक्षा विभाग की ओर से वेतन देना का फैसला किया गया था। यह योजना दो साल के लिए लागू की गई थी।
गुजरात बोर्ड ने 20 दिसम्बर, 2017 से इस योजना को बंद करने का आदेश जारी किया था। राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस आदेश का पालन करने का आदेश दिया गया था। इस आदेश के बाद स्कूल प्रवासी शिक्षकों से सेवा लेता है तो उनके वेतन के लिए स्कूल प्रशासन के जिम्मेदार होने की बात कही गई थी। साथ ही 20 दिसम्बर, 2017 तक ली गई प्रवासी शिक्षकों की सेवा की रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया था। शिक्षकों की संख्या कम होने के कारण प्रवासी शिक्षकों को हटाने से विद्यालयों में परेशानी शुरू हो गई थी। कम शिक्षकों के कारण अन्य शिक्षकों का भार बढ़ गया।
विद्यार्थियों को भी दुविधा होने लगी। इसलिए गुजरात बोर्ड ने इस योजना की अवधि बढ़ा दी थी। 20 जवनरी, 2018 तक स्कूलों को प्रवासी शिक्षक सेवा योजना के अंतर्गत प्रवासी शिक्षकों की सेवा का लाभ लेने की छूट दी गई थी। इसके बाद इस योजना को बंद किया जाना था।
सरकारी और अनुदानित स्कूलों में शिक्षकों को नियुक्त करने का फैसला भी किया गया। नए शैक्षणिक सत्र में सभी रिक्त स्थानों को भरना था, लेकिन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई और नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया। शुरुआत में ही शिक्षकों की कमी से परेशान विद्यालयों ने शिकायत करना शुरू कर दिया। इसलिए सरकार को पुन: प्रवासी शिक्षक योजना लागू करनी पड़ी। सभी विद्यालयों को प्रवासी शिक्षक नियुक्त करने की मंजूरी दे दी गई। साथ ही मंजूर किए शिक्षकों की सूची भी जारी कर दी गई। अब फिर इस मामले में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है। शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं होने पर इस योजना को मार्च 2019 तक बढ़ा दिया गया है।
मार्च 2019 में बोर्ड परीक्षा होने वाली है। ऐसे में प्रवासी शिक्षक नहीं होने से दुविधा खड़ी हो सकती है। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर समय अवधि बढ़ाने की घोषणा की है। सभी विद्यालयों को जल्द इस मामले में रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है।