पुलिस ने हालात पर काबू पाकर मौके से ११ जनों को हिरासत (डिटेन) में लिया तथा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी। इस बीच दोपहर में महिलाओं समेत सूरत सवर्ण संघर्ष समिति के कार्यकर्ता अठवालाइन्स स्थित जिला सेवा सदन पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर कार्यालय पर बिल के विरोध में नारेबाजी की।
कार्यकर्ताओं ने बिल के विरोध में प्रशासन के नाम जिला कलक्टर धवल पटेल को ज्ञापन सौंपा। पांडेसरा पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। हालात सामान्य होने पर शाम पांच बजे उन्हें रिहा कर दिया गया।
यह था ज्ञापन में
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि एससी एसटी संरक्षण कानून का निर्माण सरकार का स्वार्थपूर्ण रवैया है। वर्तमान सरकार का नारा है सबका साथ सबका विकास पर क्या यह यथार्थ है। सर्वोच्च न्यायालय में भी इसे अनुचित ठहरा चुका है।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि एससी एसटी संरक्षण कानून का निर्माण सरकार का स्वार्थपूर्ण रवैया है। वर्तमान सरकार का नारा है सबका साथ सबका विकास पर क्या यह यथार्थ है। सर्वोच्च न्यायालय में भी इसे अनुचित ठहरा चुका है।
नोएडा के ताजा उदाहरण में ७७ वर्षीय कर्नल वीरेन्द्र चौहान व उषा चंद्रा पर आरोप लगाकर जेल में डाल दिया गया था। जब सीसीटीवी से हकीकत सामने आई तो वे निर्दोष साबित हुए। यह कानून देश को विघटन की ओर ले जा रहा है इसलिए इस कानून को निरस्त किया जाए।
कपड़ा व्यापारी से ९२.७० लाख की धोखाधड़ी
सूरत. कपड़ा व्यापारी के साथ ९२.७० लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। घटना के संबंध में पुणागाम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबकि सरथाणा इन्द्र बिल्डिंग निवासी मनीष डुंगराणी व धर्मेश डुंगराणी ने मिलकर वराछा कमलबाग सोसायटी निवासी भरत घोरी के साथ धोखाधड़ी की। दोनों ने गत २५ जनवरी २०१७ से १० जुलाई २०१८ के दौरान अपनी दो अलग-अलग फर्मो अंबे फेब्रिक्स व अंबे टेक्सटाइल के नाम पर ९० दिन में भुगतान का वादा कर ९२ लाख, ७० हजार, ३१३ रुपए का कपड़ा उधार लिया, लेकिन उसका भुगतान नहीं किया। उन्होंने जो चैक दिए वे भी बैंक से रिटर्न हो गए। इस पर भरत ने पूणागाम थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई।
सूरत. कपड़ा व्यापारी के साथ ९२.७० लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। घटना के संबंध में पुणागाम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबकि सरथाणा इन्द्र बिल्डिंग निवासी मनीष डुंगराणी व धर्मेश डुंगराणी ने मिलकर वराछा कमलबाग सोसायटी निवासी भरत घोरी के साथ धोखाधड़ी की। दोनों ने गत २५ जनवरी २०१७ से १० जुलाई २०१८ के दौरान अपनी दो अलग-अलग फर्मो अंबे फेब्रिक्स व अंबे टेक्सटाइल के नाम पर ९० दिन में भुगतान का वादा कर ९२ लाख, ७० हजार, ३१३ रुपए का कपड़ा उधार लिया, लेकिन उसका भुगतान नहीं किया। उन्होंने जो चैक दिए वे भी बैंक से रिटर्न हो गए। इस पर भरत ने पूणागाम थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई।