यूं मिल रहा दिहाड़ी मजदूरोंं को रोजगार
चुनाव प्रचार में भीड़ जुटाने के लिए धनबल का प्रयोग

सिलवासा. लोकसभा चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी भीड़ जुटाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। भीड़ के जरिए शक्ति प्रदर्शन के साथ उम्मीदवार का हौंसला बढ़ता है। इसके लिए प्रचार सभाओं में अच्छी भीड़ होना आवश्यक है। भीड़ जुटाने के लिए प्रत्याशी खुलकर धनबल का प्रयोग करने लगे हंै।
ज्यों-ज्यों चुनाव नजदीक आ रहे हैं। प्रत्याशी धनबल के सहारे कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटा रहे हैं। प्रत्याशी अब दिहाड़ी मजदूरों को भी भीड़ में शामिल करने लगे हैं। प्रचार सभाओं में इन मजदूरों को प्रतिदिन 300 रुपए के हिसाब से मेहनताना मिलता है। बड़ी सभाओं में ज्यादा शक्ति प्रदर्शन के लिए गांवों से लोगों को एकत्र किया जाता है। मध्यप्रदेश मूल के दिहाड़ी मजदूरी पर कार्य कर रहे सुधा रमण ने बताया कि चुनावों के कारण रोजाना काम मिल जाता है। प्रत्याशियों के कार्यकर्ता हमारे जैसे मजदूरों को चुनाव प्रचार के लिए ले जाते हैं, जहां उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 300 रुपए दिए जाते हैं। बड़ी सभाओं के लिए ज्यादा आदमियों को लाने के लिए बोला जाता है। प्रदेश में बाहरी राज्यों के आकर कई मजदूर दिहाड़ी पर काम करते हैं। यह मजदूर आइसीआइसीआइ बैंक के आसपास सवेरे 7 बजे जमा हो जाते हैं। यहां दानह के दुधनी, मांदोनी, रूदाना के लोग भी दिहाड़ी मजदूरी के लिए आते हैं।
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