तीन शेर मर चुके हैं
लॉयन सफारी की स्थापना के बाद इस जंगल में तीन शेर मर चुके हैं। लॉयन सफारी की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी, उस समय इसमें एशियाटिक शेरनी सोनल व शिल्की तथा एक नर शेर कुश छोड़ा गया था। थोड़े दिन बाद जवानी में कुश की मौत हो गई, तथा इसके बाद शिल्की ने भी ज्यादा जीवन नहीं बिताया। लॉयन सफारी के जंगल में बची सोनल की संगत के लिए गुजरात से धर्म नामक एशियाटिक शेर लाया गया, लेकिन उसे भी लॉयन सफारी का वातावरण ज्यादा दिन पसंद नहीं आया। दो वर्ष जीवित रहने के बाद वह चल बसा। वन्यजीव अधिकारियों की मेहनत से वर्ष 2015 में सोनल को महीन और गिरिजा का साथ मिला। सोनल अब 19 वर्ष की हो चुकी है। वन्यजीव अधिकारियों के अनुसार शेर की औसत आयु 15 से 20 वर्ष होती है।