पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत सोलर एनर्जी से ट्रेन दौड़ाने वाला भारत विश्व का पहला देश है। पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 14 जुलाई, २०१७ को हरी झंडी दिखाकर सोलर एनर्जी की ट्रेन को दिल्ली के सराय रोहिल्ला से फारूखनगर रवाना किया था। सोलर एनर्जी के मामले में पश्चिम रेलवे देश के अन्य जोन से आगे है। विश्व पर्यावरण दिवस (पांच जून) पर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ए.के. गुप्ता ने मुंबई सेंट्रल में बायो गैस संयंत्र का उद्घाटन किया था।
ऑर्गेनिक कचरे को गैस में परिवर्तित कर भोजन पकाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। मुम्बई रेल मंडल के सूरत स्टेशन पर भी सोलर एनर्जी का उत्पादन शुरू हो गया है। रेल अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनों की सेफ्टी के लिए रोलिंग इन एक्जामिनेशन किया जाता है। इस दौरान रेलकर्मी ट्रेन के दोनों छोर पर लाइट से ट्रेन के पहिए, स्प्रिंग तथा अन्य तकनीकी उपकरणों की जांच करते हैं। सूरत स्टेशन पर डेढ़-दो साल पहले शाम छह से सुबह छह बजे तक इस जांच के लिए बिजली खर्च को कम करने की दिशा में कार्य शुरू किया गया था।
अब सूरत में सौ प्रतिशत रोलिंग इन एक्जामिनेशन कार्य सोलर एनर्जी से किया जा रहा है। प्लेटफॉर्म के दोनों छोर पर चारों लाइन के किनारे रोलिंग इन एक्जामिनेशन स्थल पर सोलर एनर्जी पैनल स्थापित किए गए हैं। एक-एक स्थान पर ३६-३६ वॉट के दो पैनल लगाए गए हैं। इस तरह के सोलह प्वॉइंट चिन्हित कर रोलिंग इन एक्जामिनेशन के लिए सोलर एनर्जी पैनल स्थापित किए गए हैं। एक प्वॉइंट के पैनल से 12 घंटे में करीब ८६४ वॉट बिजली का उत्पादन होता है। सोलह पैनल से बारह घंटे में करीब १३ हजार ८२४ वॉट बिजली का उत्पादन से सूरत स्टेशन हर महीने १९०० यूनिट बिजली की बचत कर रहा है।
दूसरे रेल मंडलों को दिखाई राह
सूरत स्टेशन पर सोलर एनर्जी पैनल स्थापित करने के लिए डेढ़-दो साल पहले मुम्बई के ठेकेदार जे.पी. इंटरप्राइजेज को कार्य सौंपा गया था। रोङ्क्षलग इन एक्जामिनेशन के लिए लगाए गए सभी सोलर पैनल सूरत स्टेशन के सी एंड डब्ल्यू विभाग के अधीन हैं। करीब ढाई मीटर लम्बे और पौन मीटर चौड़े पैनल को बारह वोल्ट के १०० एएच बैटरी से जोड़ा गया है। सूरत स्टेशन पर सोलर एनर्जी पैनल लगाने का कार्य पूरा होने के बाद मुम्बई रेल मंडल में वलसाड, वसई रोड और नंदुरबार स्टेशन पर भी इसी तरह के पैनल स्थापित किए गए। वड़ोदरा, राजकोट, भावनगर, अहमदाबाद और रतलाम रेल मंडल के अधिकारी इसी तरह के पैनल स्थापित करने के लिए सूरत का दौरा कर चुके हैं।
नौ-दस लाख का बिजली खर्च
सूरत स्टेशन का हर महीने का बिजली बिल नौ से दस लाख रुपए के बीच आता है। इलेक्ट्रिक विभाग ने बताया कि ट्रेन चलाने के लिए बिजली की सप्लाई अलग होती है और स्टेशन परिसर का बिजली बिल अलग होता है। रेल परिसर में विभिन्न कार्यालयों, वाशिंग लाइन, लो लेवल यार्ड, प्लेटफॉर्म, आरक्षण केन्द्र, बुकिंग ऑफिस, स्टॉल, रनिंग रूम, कंट्रोल रूम, रिटायरिंग रूम समेत अन्य जगह बिजली की खपत होती है।
पुणे की टीम ने किया सर्वे
सूरत स्टेशन की बिल्डिंग की छत तथा रिजर्वेशन सेंटर बिल्डिंग की छत पर सोलर एनर्जी पैनल लगाने का प्रस्ताव मुम्बई रेल मंडल को काफी पहले भेजा गया था। सोलर पैनल के मैनटेनेंस को ध्यान में रखते हुए दोनों बिल्डिंग की छत पर इसे स्थापित करने का निर्णय किया गया है। पुणे से दो कंपनियां सूरत स्टेशन के उन स्थल का दौरा करने आई थीं, जहां सोलर एनर्जी पैनल लगने हैं। पैनल लगाने का कार्य कब शुरू होगा, इस बारे में अधिकारी फिलहाल कुछ नहीं बता पा रहे हैं।
रोलिंग इन एक्जामिनेशन में सोलर एनर्जी का उपयोग किया जा रहा है। सूरत और उधना स्टेशन के आसपास अपराध वाले स्थानों को चिन्हित कर सीसीटीवी लगाने पर विचार चल रहा है। बीच सेक्शन में केबल से बिजली ले जाना मुमकिन नहीं है। इन सीसीटीवी को सोलर एनर्जी से चलाने की योजना है। सी.आर. गरूड़ा, स्टेशन डायरेक्टर, सूरत