केन्द्रीय बजट से कपड़ा और हीरा उद्यमियों को उम्मीदें
सूरतPublished: Jan 28, 2020 08:55:31 pm
कपड़ा उद्योग को विदेश से आने वाले कपड़े पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढने और हीरा उद्योग को गोल्ड पर ड्यूटी घटने की उम्मीद
केन्द्रीय बजट से कपड़ा और हीरा उद्यमियों को उम्मीदें
सूरत
मंदी का सामना कर रहे सूरत के कपड़ा और हीरा उद्योग को केन्द्रीय बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। कपड़ा उद्योग को सरकार जीएसटी का पुन: समीक्षा कर आवश्यक सुधार करने और विदेश से आयात कपड़े पर ड्यूटी बढऩे की उम्मीद है वहीं हीरा उद्योग को गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने की उम्मीद है।
स्थानिक कपड़ा और हीरा उद्योग दोनो ही मंदी की मार झील रहे हैं। कपड़ा उद्यमियों का कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद से कपड़े का व्यापार आधा रह गया है। सूरत में कपड़ों का उत्पादन पचास प्रतिशत पर आ गया है। जीएसटी के कई नियम बड़े ही अट
पटे होने के कारण उनमें भी सुधार की उम्मीद है
कपड़ा उद्यमियों की उम्मीदें
(1) टैक्सटाइल उद्योग के जीएसटी के प्रभावो की समीक्षा कर इसे पुन: रोजगार व उत्पादन युक्त बनाने के लिए जीएसटी में रिफॉर्म किया जाएगा।
(2) सूरत में गारमेन्ट इन्डस्ट्रीज का हब बनने और गारमेन्ट इन्डस्ट्री को कम ब्याज पर ऋण की योजना बनेगी।
(3)इनकम टैक्स की लिमिट पाच लाख रुपए तक की और 5 से 10 लाख रुपए तक पांच प्रतिशत व 10 से 20 लाख रुपए तक 10 प्रतिशत तथा 20 लाख से उपर 30 प्रतिशत रखें।
(4) देश में आयात हो रहे चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया और बांग्लादेश आदि देशो के कपड़ों पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढाई जाए।
(5) आइटीसी-04 फॉर्म को कपड़ा उद्योग से हटा दिया जाए।
हीरा उद्यमियों की उम्मीद
(1) हीरा उद्यमियों को सरलता से बैंक ऋण मिले ऐसी योजना बनाई जाए।
(2) गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी 12.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत की जाए।
(3) हीरा उद्यमियों के जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड जल्दी मिले।
(4) ज्वैलरी इन्डस्ट्री के लिए प्रोत्साहक योजनाएं बनाई जाए।
(5) हीरा श्रमिकों के लिए कौशलवर्धक योजना बनाई जाए और उनके लिए ट्रैनिंग सेन्टर शुरू किए जाए।