सीमा विस्तार के बाद आसपास के कई गांव सूरत शहर में शामिल हुए थे। इन गांवों के तालाबों को मनपा लेक गार्डन के तौर पर विकसित कर सूरतीयों को सैर-सपाटे के नए ठिकाने देने का दावा कर रही है। ऐसे एक-एक गार्डन के विकास पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। मनपा ने पाल तालाब को भी लेक गार्डन के तौर पर विकसित करने का प्रोजेक्ट शुरू किया था। करोड़ों रुपए खर्च कर तालाब के आसपास के क्षेत्र को तो हरा-भरा कर दिया गया, लेकिन तालाब आज भी सूखा पड़ा है। पानी के संकट से जूझ रहे सूरत के इस तालाब में पानी कब और कहां से आएगा, इसका जवाब मनपा प्रशासन के पास भी नहीं है।