पुलिस के मुताबिक भावनगर जिले के भूतेश्वर गांव निवासी दिनेश उर्फ वांगा बारैया और बोटाद जिले के लाखयाणी गांव निवासी उसके साथी पोपट उर्फ मुन्ना सोहला के खिलाफ गुजरात तथा मध्यप्रदेश के अलग-अलग थानों में हत्या, लूट, अपहरण, धोखाधड़ी, मारपीट, पेरोल जंप के एक दर्जन से अधिक मामले
दर्ज हैं।
सालभर पहले दोनों हत्या के मामलों में भावनगर जेल से पेरोल पर रिहा हुए थे और फरार हो गए थे। उनके बारे में मुखबिर से सूचना मिली थी कि दोनों जाली नोट भुनाने के लिए सूरत आने वाले हैं। सूचना की तस्दीक करने के बाद पुलिस ने कापोद्रा बोम्बे कॉलोनी के निकट अक्षर डायमंड संकुल में जाल बिछाया और दोनों को धर दबोचा। उनके कब्जे से सौ रुपए के ५१, दो सौ रुपए के १८, पांच सौ रुपए के ९५, दो हजार रुपए के एक लाख ६ हजार २०० जाली नोट बरामद हुए। दोनों ने जाली नोट कहां से हासिल किए, इस बारे में पूछताछ चल रही है। दोनों के खिलाफ कापोद्रा थाने में मामला दर्ज किया गया है।
वेतन के विवाद में श्रमिक की हत्या
सचिन जीआईडीसी क्षेत्र के रोड नम्बर ५१ पर बुधवार रात गुप्ती से हमला कर एक श्रमिक की हत्या कर दी गई। उन गांव में शबनमनगर निवासी हसन रजा ने बुधवार रात सुमित उमेश सिंह चौधरी की हत्या कर दी। हसन और सुमित सचिन औद्योगिक क्षेत्र की हिन्दुस्तान सिल्क मिल्स में काम करते थे। बुधवार को हसन का ठेकेदार राजेश यादव के साथ वेतन के रुपयों को लेकर विवाद हो गया। दोनों के बीच हाथापाई भी हुई।
सुमित और एक अन्य श्रमिक जीतेन्द्र चौधरी ने बीच-बचाव कर उन्हें अलग किया। इसकी वजह से वह दोनों से रंजिश रखे हुए था। रात करीब नौ बजे वह गुप्ती लेकर लौटा और जीतेन्द्र की कमर पर वार कर भाग निकला। सुमित और मिल के दो अन्य श्रमिक अजय तथा जयेश उसे पकडऩे के लिए दौड़े। रोड नम्बर ५१ पर सुमित ने उसे पकडऩे का प्रयास किया तो उसने गुप्ती से उसके सीने पर वार कर दिए और भाग गया। सुमित की मौत हो गई। सचिन पुलिस ने जीतेन्द्र की प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।