खेतों की जुताई में जुटे किसान
सूरतPublished: Jun 12, 2019 11:45:06 pm
मानसून नजदीक आ रहा
खेतों की जुताई में जुटे किसान
सिलवासा. मानसून नजदीक आते ही किसानों ने खेतों की जुताई आरम्भ कर दी है। खरीफ की पैदावार में ईजाफा के लिए धरतीपुत्र खेतों की तैयारियों में लग गए हैं। खेतों की मेड़ बांधनें व बारिश जल संचयन के लिए किसान व्यस्त हो गए हैं।
दानह मेें मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है। मुंबई में बारिश शुरू हो गई है। किसानों का कहना है कि मानसून में खेत का पानी खेत में रोकने के लिए ऊंची-ऊंची मेड़ बंाधना जरूरी है। खरीफ में यहां धान मुख्य फसल है। धान को पकने तक पर्याप्त पानी चाहिए। खरीफ में धान के साथ बड़े पैमाने पर दलहन वाली फसलें बोई जाती हैं। मैदानी क्षेत्र नरोली, आंबोली, दपाड़ा, मसाट, किलवणी में धान की जमकर खेती होती है। अच्छी बारिश से प्रति हैक्टर 20 से 30 मीट्रिक टन तक खाद्यान्न की उपज हो जाती हैं। अच्छे उत्पादन के लिए खेतों की समय पूर्व जुताई एवं प्राकृतिक खाद डालना आवश्यक हैं। खाद डालकर खेतों की जुताई करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। जुताई करके डाली गई खाद भी मिट्टी में मिश्रित कर दी जाती है। इससे फसलों में व्यापक वृद्धि होती हैं। ग्रीष्म ऋतु में मिट्टी गर्म होती हैं, जिससे उसमें छिपे हानिकारक कीट एवं जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं। जमीन की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष खाद डालकर जुताई जरूरी है। खाद के साथ खेत की मेड़ बनाकर जल संचयन भी आवश्यक हैं।