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Surat/ सात साल की बच्ची से बलात्कार करने वाले सगे पिता को 20 साल की कैद

locationसूरतPublished: Jun 03, 2023 09:13:28 pm

वर्ष 2020 में वराछा में हुई थी घटना, मोबाइल फोन देने गई बेटी को मोबाइल में अश्लील तस्वीरें दिखाकर किया था बलात्कार

Surat/ सात साल की बच्ची से बलात्कार करने वाले सगे पिता को 20 साल की कैद

File Image

सूरत. सात साल की बेटी को मोबाइल फोन में अश्लील तस्वीरें दिखाकर बलात्कार करने वाले सगे पिता को पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
वराछा के अश्विनी कुमार रोड परवर्ष 2020 में हुई घटना में आरोपी साहिल ( बदला हुआ नाम) पत्नी और सात साल की बेटी के साथ रहता था और जरी कारखाने में नौकरी करता था। 27 सितम्बर, 2020 शाम साहिल छत पर सोया था, तभी नीचे धागा कटिंग कर रही पत्नी के पास उसका मोबाइल फोन रखा हुआ था। मोबाइल पर साहिल के दोस्त का फोन आने पर पत्नी ने बेटी को मोबाइल फोन देने के लिए छत पर भेजा। साहिल ने बेटी को छत पर ही रोक लिया और मोबाइल फोन में अश्लील तस्वीरें दिखाकर उसके साथ बलात्कार करने लगा। 20 मिनट बीत जाने के बाद भी जब बेटी नहीं लौटी तो नजारा देखकर छत पर पहुंची पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई। पति अपनी बेटी के साथ बलात्कार कर रहा था। उसने पति को धक्का देकर हटाया और बेटी को लेकर नीचे चली गई। उसने अपने सास-ससुर को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने चूप रहने के लिए कह दिया। पत्नी ने अपने माता-पिता को पति की हरकत के बारे में बताया और मामला थाने में पहुंचा।पुलिस ने बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया था। चार्जशीट पेश होने के बाद से मामले की सुनवाई पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक दीपेश दवे आरोपों को साबित करने में सफल रहे। शनिवार को अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी पिता को बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के उल्लंघन के लिए दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने पीडि़ता को मुआवजे के तौर पर 3.50 लाख रुपए चुकाने का भी आदेश दिया।
पिता की छत्रछाया में बेटी सुरक्षित नहीं, ऐसे मामलों में अधिकतम सजा न्यायोचित : कोर्ट

बलात्कार के दोषी पिता को कोर्ट ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बेटी को सुरक्षित माहौल देना और समाज की बुराइयों से बचाना पिता का फर्ज होता है। यहां तो बेटी ही पिता की छत्रछाया में सुरक्षित नहीं है। नैतिकता और शर्म को छोड़ आरोपी के ऐसे कृत्य से यही दिखता है। पिता ने बेटी को सुरक्षित माहौल देने के बजाए राक्षसी कृत्य किया है। ऐसे मामलों में अधिकतम सजा न्यायोचित है।
घटना के दस दिन पहले ही बेटी ने की थी शिकायत

घटना के दस दिन पहले भी आरोपी ने बेटी को मोबाइल फोन में जब अश्लील तस्वीरें दिखाई थी तो उसने मां से शिकायत की थी। उस समय पति की इस तरह की हरकत को लेकर पत्नी ने पति को फटकार लगाई थी, लेकिन पति ने माफी मांग ली थी। घटना के दिन जब बेटी 20 मिनट तक नहीं लौटी तो पत्नी को आशंका हुई और वह छत पर पहुंची थी।

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