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FEE ISSUE : एफआरसी ने 18वें राउंड में कुछ और स्कूलों की प्रोविजनल फीस घटाई

locationसूरतPublished: Jun 25, 2019 08:01:53 pm

शैक्षणिक सत्र 2019-20 में जारी हो रही है 2017-18 की फीस

SURAT

FEE ISSUE : एफआरसी ने 18वें राउंड में कुछ और स्कूलों की प्रोविजनल फीस घटाई

सूरत.

सूरत जोन की फीस नियामक समिति (एफआरसी) ने सोमवार को प्रोविजनल फीस का 18वां राउंड जारी किया। शैक्षणिक सत्र 2019-20 की प्रोविजनल फीस जारी करने के बजाय अभी शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2017-18 की प्रोविजनल फीस जारी की जा रही है। नए सत्र की प्रोविजनल फीस जारी नहीं होने से स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं।
एफआरसी ने सोमवार को प्रोविजनल फीस का जो 18वां राउंड जारी किया, उसमें सूरत के 6, भरुच के दो और नवसारी के एक स्कूल का नाम शामिल है। इन स्कूलों की फीस 2400 से 22 हजार रुपए तक कम की गई है। सूची में बड़े स्कूलों के नाम हैं। एफआरसी ने स्कूलों की जो प्रोविजनल फीस तय की है, वह शैक्षणिक सत्र 2017-18 और 2018-19 की है। अब तक एफआरसी ने शहर के किसी स्कूल की शैक्षणिक सत्र 2019-20 की प्रोविजनल फीस जारी नहीं की है। पुराने सत्र की फीस में जो कमी की गई है, उसे भी स्कूलों ने अभिभावकों को वापस नहीं किया है। नए सत्र की फीस तय नहीं होने के कारण स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं। बिना फीस ृविद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया है। आने वाले दिनों में प्रथम टर्म फीस वसूलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। स्कूल शुरू होने से पहले ही अभिभावकों से प्रोविजनल फीस वसूली जा चुकी है। कई स्कूलों ने प्रवेश के लिए डोनेशन भी लिया है। शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही कई स्कूलों ने फीस बढ़ा दी और अभिभावकों को अतिरिक्त फीस जल्द भरने का आदेश दिया। इसको लेकर विवाद शुरू हो गया। विवाद के कारण पिछले सप्ताह कई स्कूलों में विरोध प्रदर्शन हुआ। कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा।

शिकायत पर कार्रवाई नहीं
सोमवार को फीस को लेकर किसी स्कूल में हंगामा नहीं हुआ। हालांकि कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। उन्होंने स्कूलों के खिलाफ पिछले हफ्ते डीइओ और एफआरसी से शिकायत की थी, जिस पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। दूसरी ओर कई वैन और ऑटो चालक बच्चों को लेने नहीं आ रहे हैं। अभिभावकों को ही बच्चों को स्कूल छोडऩे और लेने जाना पड़ रहा है। शैक्षणिक सत्र शुरू हुए दो सप्ताह हो गए हैं, कई किताबें बाजार में नहीं आई हैं। इसके कारण विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है।
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