वेसू का एस.डी.जैन स्कूल फीस को लेकर किसी तरह के समझौते को तैयार नहीं है। स्कूल प्रशासन फीस को लेकर निकाले गए विद्यार्थियों को फिर प्रवेश देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए अभिभावकों से फीस और अंडरटेकिंग मांगी जा रही है। गांधीनगर में बाल आयोग के समक्ष शुक्रवार को हुई सुनवाई में स्कूल प्रशासन की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। स्कूल प्रशासन ने अलग से सुनवाई के लिए बाल आयोग को पत्र लिखा है।
एस.डी.जैन स्कूल में लंबे समय से फीस को लेकर विवाद चल रहा है। फीस विधेयक लागू होने के बाद अभिभावकों ने फीस कम करने की मांग करते हुए स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वह फीस कम करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन फीस कम करने को तैयार नहीं है। फीस को लेकर स्कूल 11 विद्यार्थियों को लीविंग सर्टिफिकेट (एलसी) थमा चुका है। इस मामले में अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी, एफआरसी और शिक्षा मंत्री तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कहीं से राहत नहीं मिलने उन्होंने बाल आयोग से शिकायत की। बाल आयोग के समक्ष गांधीनगर में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई में स्कूल प्रशासन की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। स्कूल प्रशासन का कहना है कि बाल आयोग को पत्र लिखा गया है। आयोग से गुजारिश की गई है कि वह स्कूल को अलग से सुने, अभिभावकों के समक्ष सुनवाई न रखे। स्कूल अलग से अपना पक्ष आयोग के समक्ष रखना चाहता है।
एस.डी.जैन स्कूल में लंबे समय से फीस को लेकर विवाद चल रहा है। फीस विधेयक लागू होने के बाद अभिभावकों ने फीस कम करने की मांग करते हुए स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वह फीस कम करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन फीस कम करने को तैयार नहीं है। फीस को लेकर स्कूल 11 विद्यार्थियों को लीविंग सर्टिफिकेट (एलसी) थमा चुका है। इस मामले में अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी, एफआरसी और शिक्षा मंत्री तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कहीं से राहत नहीं मिलने उन्होंने बाल आयोग से शिकायत की। बाल आयोग के समक्ष गांधीनगर में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई में स्कूल प्रशासन की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। स्कूल प्रशासन का कहना है कि बाल आयोग को पत्र लिखा गया है। आयोग से गुजारिश की गई है कि वह स्कूल को अलग से सुने, अभिभावकों के समक्ष सुनवाई न रखे। स्कूल अलग से अपना पक्ष आयोग के समक्ष रखना चाहता है।
हंगामा नहीं करने की अंडरटेकिंग दो स्कूल प्रशासन का कहना है कि वह निकाले गए विद्यार्थियों को फिर प्रवेश देने के लिए तैयार है। इस मामले में अभिभावकों से संपर्क किया गया है। अभिभावकों से कहा गया है कि वह पहले अंडरटेकिंग दें कि स्कूल में भविष्य में कभी हंगामा नहीं होगा और फीस को लेकर विवाद खड़ा नहीं किया जाएगा। साथ ही, पुरानी बकाया फीस और नए शैक्षणिक सत्र की फीस भरी जाए।
बाल आयोग का आश्वासन
बाल आयोग के समक्ष उपस्थित हुए अभिभावकों का कहना है कि आयोग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह उनके बच्चों का अच्छे स्कूलों में प्रवेश करवाने में सहायता करेगा। स्कूल पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल का लाइसेंस रद्द किया जाएगा और पेनल्टी भी लगाई जाएगी। बाल आयोग सूरत शहर के बाल अधिकारी और जिला अधिकारी को इस मामले में कार्रवाई करने के निर्देश देगा।
बाल आयोग के समक्ष उपस्थित हुए अभिभावकों का कहना है कि आयोग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह उनके बच्चों का अच्छे स्कूलों में प्रवेश करवाने में सहायता करेगा। स्कूल पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल का लाइसेंस रद्द किया जाएगा और पेनल्टी भी लगाई जाएगी। बाल आयोग सूरत शहर के बाल अधिकारी और जिला अधिकारी को इस मामले में कार्रवाई करने के निर्देश देगा।
फीस कम नहीं होगी
स्कूल बच्चों को फिर प्रवेश देने के लिए तैयार है, लेकिन फीस में किसी तरह की कमी नहीं की जाएगी। अभिभावकों को अंडरटेकिंग भी देना होगा।
दीपक वैद्य, संचालक, एस.डी.जैन स्कूल
स्कूल बच्चों को फिर प्रवेश देने के लिए तैयार है, लेकिन फीस में किसी तरह की कमी नहीं की जाएगी। अभिभावकों को अंडरटेकिंग भी देना होगा।
दीपक वैद्य, संचालक, एस.डी.जैन स्कूल