पुलिस के मुताबिक, सूरत जिले की महुवा तहसील के करचेली गांव के मूल निवासी कनु पटेल बारडोली में रहते हैं। उनकी पत्नी शिक्षिका है और संतान में तीन बेटियां हैं। सबसे छोटी बेटी जिगीशा कनु पटेल (26) स्मीमेर अस्पताल में स्त्री रोग विभाग में प्रथम वर्ष की रेजिडेंट डॉक्टर थी। वह स्मीमेर अस्पताल के गल्र्स हॉस्टल बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर रहती थी। जिगीशा ने रविवार सुबह एनेस्थेसिया इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर आत्महत्या कर ली। जिगीशा की रूम पार्टनर नाइट ड्यूटी पूरी कर कमरे में लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा खटखटाने के बाद भी जिगिशा ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद मार्शल ने दरवाजा तोड़ा, जिसके बाद जिगीशा आत्महत्या की हुई हालत में मिली।
पुलिस ने घटना की सूचना उनके माता-पिता को दी। अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों सहित स्त्री रोग विभाग के एचओडी भी तुरंत कमरे में पहुंच गए। पुलिस अधिकारी की टीम भी घटनास्थल पहुंच गई। जिगीशा की आत्महत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन जिगीशा ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था। इसमें उसने ‘मैं अपनी मर्जी से खुदकुशी करती हूं, जिसके लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है.’ लिखा है। पुलिस ने आत्महत्या की जांच शुरू की है।
मार्च में वरिष्ठों के उत्पीडऩ से घर चली गई थी स्मीमेर कॉलेज के विद्यार्थियों ने बताया कि जिगीशा की बड़ी बहन द्वितीय श्रेणी अधिकारी है और उससे छोटी न्यू सिविल अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही है। परिजनों ने बताया कि मार्च में जिगिशा एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा परेशान किए जाने के बाद घर लौट आई थी। वह तीन-चार दिनों तक घर पर रही, इस दौरान दोस्तों ने उसको समझाया तब फिर से ड्यूटी ज्वॉइन कर ली। इस कारण कनुभाई ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है, लेकिन कोई न कोई तो वजह जरुर होगी।
मैंने खो दिया अपना चमकता सितारा : मां स्त्री रोग विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर जिगीशा ने रात में फोन बंद कर दिया था। सुबह परिजनों को पता चला कि फोन स्विच ऑफ है। जिगीशा की मां सुबह स्मीमेर अस्पताल पहुंची जहां बेटी के आत्महत्या की खबर से उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई। मेरी बेटी जिंदा है.. कहकर रोने लगी। उसने अपना चमकता सितारा खो दिया है, कहकर विलाप करने लगी। उन्होंने मार्च में जिगिशा घर आई तो उन्होंने पढऩे से मना कर दिया था, लेकिन वह आ गई और आज मैंने अपनी बेटी को खो दिया है।