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पन्द्रह हजार कमाने वाले ने रास्ते में मिले दस लाख लौटाए

locationसूरतPublished: Mar 18, 2019 09:46:09 pm

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

– ईमानदारी जिंदा है

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पन्द्रह हजार कमाने वाले ने रास्ते में मिले दस लाख लौटाए

सूरत. शहर में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को बीच ईमानदारी भी जिन्हा होने कि मिसाल पेश करने वाला एक मामला सोमवार को सामने आया है। महज पन्द्रह हजार रुपए मासिक मकाने वाले एक युवक ने रास्ते में मिले दस लाख रुपए पुलिस की मदद से उसके मालिक तक पहुंचाए।
उमरा पुलिस सूत्रों के मुताबिक वेसू सुड़ा आवास निवासी दिलीप पोद्दार पार्ले प्वाइंट स्थित आसोपालव शो रूम में साढ़े पन्द्रह हजार रुपए मासिक वेतन पर बतौर सेल्समैन काम करता है। शुक्रवार दोपहर वह घर से खाना खाकर शो रूम में लौट रहा था। उस दौरान शो रूम के निकट ही सडक़ पर कचरे के बीच उसे प्लास्टिक की एक थैली मिली। जिसमें दस लाख रुपए नकद थे।
उसने शो रुम में जाकर इस बारे में साथी कर्मचारियों से बात की। लेकिन दिन भर में रुपए गुम होने की शिकायत लेकर कोई वहां नहीं आया। इस पर शो रुम संचालक ने उसे रुपए उसके पास ही रखने के लिए कहा। यदि कोई आएगा तो उसे रुपए लौटा देेंगे। इस पर दिलीप ने रुपए अपने पास रख लिए।
अगले दिन भी कोई नहीं आया तो उन्होंने उमरा पुलिस को खबर की। पुलिस ने रुपए ले लिए और जहां से रुपए भरी थैली मिली थी। वहां के सीसी टीवी फुटेज खंगाले। पुलिस को पता चला एक कार में कुछ लोग रुपए ढूंढने के लिए आए थे। फुटेज से पुलिस ने कार के नम्बर हासिल किया। यह कार के कामरेज तहसील के वाव गांव के एक किसान परिवार की थी। पुलिस उस परिवार तक पहुंची तो पता चला कि वे शुक्रवार को जेवरों आदि की खरीददारी के लिए पार्ले प्वाइंट आए थे। वहां एक महिला के हाथ से रुपए भरी थैली गिर गई थी। पुलिस ने थैली व रुपयों के बारे में उनसे तस्दीक की और फिर दिलीप को मिले रुपयों के बारे में बताया। सोमवार को पुलिस ने उन्हें थाने बुला कर दिलीप से उनके रुपए लौटा दिए।

कर्ज भी नहीं डिगा पाया ईमान


यदि सिर पर कर्ज का बोझ हो तो अच्छे अच्छे लोगो का इमान डगमगा जाता है लेकिन कर्ज का बोझ भी दिलीप का ईमान नहीं डिगा पाचया। दिलीप ने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए तीन लाख रुपए का कर्ज ले रखा है। यदि वह चाहता था तो दस लाख रुपए में से तीन लाख का कर्ज चुका सकता था और शेष सात लाख रुपए से और भी बहुत कुछ कर सकता था। लेकिन ईमानदार दिलीप ने ऐसा कुछ नहीं किया। दिलीप का कहना है कि जो उसका नहींं है वो उसका कभी हो ही नहीं सकता है।

पुलिस ने अपने हिस्से के एक लाख दिए दिलीप को


दिलीप की ईमानदारी से खुश होकर किसान परिवार ने उसे एक लाख रुपए ईनाम में दिए। वहीं परिवार ने एक लाख रुपए उमरा पुलिस के सर्वेलंस स्टॉफ को भी ईनाम में दिए। जिन्होंने रूपए लौटाने में उनकी मदद की। लेकिन उमरा थाने के सर्वेलंस स्टॉफ ने अपने हिस्से के एक लाख रुपए भी दिलीप को दे दिए ताकी वह अपने बच्चों की शिक्षा के लिए लिया गया कर्ज उतार सके।
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