अतिशबाजी लाइसेंस के लिए आवेदन १० तक
सिलवासा. प्रशासन ने दीपावली पर पटाखा की दुकान लगाने वाले व्यापारियों से लाइसेंस के लिए आवेदन मांगे हैं। आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर है। व्यापारियों को दीपावली पर पटाखा की दुकान लगाने के लिए अस्थाई लाइसेंस जारी किए जाएंगे। कलक्टे्रट के अनुसार अतिशबाजी की दुकानों को सुरक्षा के लिए अलग जगह मुहैया कराई जाएगी।
गत वर्ष व्यापारियों ने दीपावली पर बिना लाइसेंस के दुकानें लगाकर पटाखे बेचे थे। इससे आगजनी का भय रहा। इस बार प्रशासन पहले से सख्त है। दीपावली आते ही शहर में बिना लाइसेंस के पटाखों की सैकड़ों दुकानें सज जाती हैं। बाजार, गलियों व सोसायटियों में भी दुकानें सज जाती हैं। कई लोग इन्दिरा नगर, झंडा चौक, किलवणी नाका, बाविसा फलिया, आमली की सघन सोसायटियों में बिना लाइसेंस के पटाखा बेचने से नहीं चूकते। पटाखा दुकानों पर खतरनाक बुलेट बम, सिंगल क्रेकर्स, डबल, त्रिपल एवं सेवन-अप शॉट, किट-कट, फ्लोवर स्पॉट, कोटि, चक्कर, ट्विंकल स्टार, पोप इन पोप, बिग स्नेक, रोलकेप, लक्ष्मी बम, बर्ड क्रेकर्स, ब्लैक सेरसीट्स आदि खतरनाक आयटम खुलेआम बिकते हैं। दीपोत्सव पर करोड़ों के पटाखे बिक जाते हैं। इस धंधे में अच्छी कमाई होने से ऊंची पहुंच वाले राजनीतिक व्यक्ति के लोग ज्यादा हैं।
सिलवासा. प्रशासन ने दीपावली पर पटाखा की दुकान लगाने वाले व्यापारियों से लाइसेंस के लिए आवेदन मांगे हैं। आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर है। व्यापारियों को दीपावली पर पटाखा की दुकान लगाने के लिए अस्थाई लाइसेंस जारी किए जाएंगे। कलक्टे्रट के अनुसार अतिशबाजी की दुकानों को सुरक्षा के लिए अलग जगह मुहैया कराई जाएगी।
गत वर्ष व्यापारियों ने दीपावली पर बिना लाइसेंस के दुकानें लगाकर पटाखे बेचे थे। इससे आगजनी का भय रहा। इस बार प्रशासन पहले से सख्त है। दीपावली आते ही शहर में बिना लाइसेंस के पटाखों की सैकड़ों दुकानें सज जाती हैं। बाजार, गलियों व सोसायटियों में भी दुकानें सज जाती हैं। कई लोग इन्दिरा नगर, झंडा चौक, किलवणी नाका, बाविसा फलिया, आमली की सघन सोसायटियों में बिना लाइसेंस के पटाखा बेचने से नहीं चूकते। पटाखा दुकानों पर खतरनाक बुलेट बम, सिंगल क्रेकर्स, डबल, त्रिपल एवं सेवन-अप शॉट, किट-कट, फ्लोवर स्पॉट, कोटि, चक्कर, ट्विंकल स्टार, पोप इन पोप, बिग स्नेक, रोलकेप, लक्ष्मी बम, बर्ड क्रेकर्स, ब्लैक सेरसीट्स आदि खतरनाक आयटम खुलेआम बिकते हैं। दीपोत्सव पर करोड़ों के पटाखे बिक जाते हैं। इस धंधे में अच्छी कमाई होने से ऊंची पहुंच वाले राजनीतिक व्यक्ति के लोग ज्यादा हैं।
पशु-पक्षियों को देखकर छात्र हुए रोमांचित
वापी. वन्य जीव दिवस के उपलक्ष में गुुरुवार को छीरी स्थित ज्ञानगंगा स्कूल के छात्रों ने राता पांजरापोल पहुंचकर वहां पशु पक्षियों को देखा और रोमांचित हुए। वन्य जीव दिवस पर सात साल से स्कूल के बच्चों को पांजरापोल ले जाकर पशु पक्षियों व जलचर जीवों के बारे में बताया जाता है। गुरुवार को भी स्कूल के 270 छात्रों को पांजरापोल ले जाकर वहां बतख, मछली, खरगोश, कछुआ, गाय, भैंस, बकरी, बंदर समेत कई पशु और पक्षियों को दिखाकर उनके बारे में बताया गया और पर्यावरण संतुलन में उनके महत्व से अवगत कराया। इस बारे में स्कूल के ट्रस्टी संदीप पटेल ने बताया कि सुनने और पढऩे के अलावा किसी चीज को देखकर छात्र ज्यादा समझते हैं। जिन जीवों के बारे में किताबों में पढ़ा था उनमें से कइयों को पांजरापोल में देखकर छात्रों को बहुत खुशी हुई और उनसे जुड़ी जानकारी भी उन्हें मिली। इस दौरान स्कूल के कई शिक्षक भी छात्रों के साथ थे।
वापी. वन्य जीव दिवस के उपलक्ष में गुुरुवार को छीरी स्थित ज्ञानगंगा स्कूल के छात्रों ने राता पांजरापोल पहुंचकर वहां पशु पक्षियों को देखा और रोमांचित हुए। वन्य जीव दिवस पर सात साल से स्कूल के बच्चों को पांजरापोल ले जाकर पशु पक्षियों व जलचर जीवों के बारे में बताया जाता है। गुरुवार को भी स्कूल के 270 छात्रों को पांजरापोल ले जाकर वहां बतख, मछली, खरगोश, कछुआ, गाय, भैंस, बकरी, बंदर समेत कई पशु और पक्षियों को दिखाकर उनके बारे में बताया गया और पर्यावरण संतुलन में उनके महत्व से अवगत कराया। इस बारे में स्कूल के ट्रस्टी संदीप पटेल ने बताया कि सुनने और पढऩे के अलावा किसी चीज को देखकर छात्र ज्यादा समझते हैं। जिन जीवों के बारे में किताबों में पढ़ा था उनमें से कइयों को पांजरापोल में देखकर छात्रों को बहुत खुशी हुई और उनसे जुड़ी जानकारी भी उन्हें मिली। इस दौरान स्कूल के कई शिक्षक भी छात्रों के साथ थे।