लोगों के अनुसार फोम, प्लास्टिक (plastic) समेत अन्य ज्वलनशील पदार्थ के कारण आग बेकाबू हो गई। कबाड़ गोदाम के पास स्थित करीब चार घर भी जल गए। घटना का पता चलने पर डुंगरा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। आग के कारण धुएं के गुबार से आसपास के लोगों के लिए वहां रहना मुश्किल हो रहा था। कई किमी दूर से ही धुआं दिख रहा था। दमकल विभाग के अनुसार किसी भी कबाड़ गोदाम में फायर सेफ्टी का इंतजाम नहीं था।
कबाड़ गोदाम में लगी आग से मैशर जहां, भवानीपाल, हरिश्चंद्र और बृजेश के घर भी जल गए। लोगों ने आवासीय विस्तारों में बने गोदामों में फायर सेफ्टी (fire safety) का इंतजाम न होने और बार बार आग लगने पर भी इसके लिए सख्ती न करने के लिए जीपीसीबी और प्रशासन के खिलाफ भी रोष जताया।
कुछ बचाने का मौका नहीं मिला अपने बच्चों के साथ घर में थी। अचानक देखा तो आग घर तक पहुंच आई है। किसी तरह बच्चों को लेकर बाहर भागी। लेकिन घर में रखा सारा सामान जल गया। बच्चों की किताबें, मार्कशीट, बैंक पासबुक समेत अन्य सभी जरुरी कागजात भी जल गए हैं। सिर्फ शरीर पर पहना हुआ कपड़ा ही बचा है। आगे क्या होगा, पता नहीं। अब तो शासन प्रशासन से ही मदद की उम्मीद है। मेरे पड़ोस में भी तीन से चार मकान थे। वह भी जल गए हैं।
मैशरजहां, स्थानीय महिला।
मैशरजहां, स्थानीय महिला।