जानकारी के अनुसार सूरत के कुंभरिया रोड पर डुंभाल निवासी और मूल राजस्थान के मांगीलाल दलाजी पुरोहित ने 2008 में कड़ोदरा स्थिति गोकुल नगर में छह प्लॉट खरीदे थे। सभी प्लॉट उनके नाम पर भी रजिस्टर हो गए थे। प्लॉट खरीदने के पांच साल बाद जब वह प्लाट देखने गया तो उनके प्लॉट पर रेवाभाई वहाभाई भरवाड और कालू वहा भरवाड ने मवेशियों के लिए चारा रखा था। मांगीलाल ने उनको प्लॉट खाली करने को कहा तो दोनों ने जरूरत पडऩे पर प्लाट खाली करने का आश्वासन दिया था।
दूसरी बार मांगीलाल प्लाट पर गया तब तक दोनों ने कब्जा खाली नहीं किया था।
मांगीलाल कड़ोदरा के स्थानीय लोगों को लेकर प्लॉट पर गया तो रेवा और कालू ने मारने की धमकी दी। मांगीलाल उस समय तो वापस लौट आया लेकिन कुछ दिन बाद अपने बेटों के साथ प्लॉट पर गया तो देखा कि रेवा और कालू ने प्लॉट पर मकान और पशुओं के लिए तबेला बना दिया है। मांगीलाल ने बीती 8 जनवरी को सूरत जिला कलक्टर से मिलकर गुजरात लैंड ग्रेबिंग प्रोहिबिशन एक्ट के तहत शिकायत की।
मांगीलाल कड़ोदरा के स्थानीय लोगों को लेकर प्लॉट पर गया तो रेवा और कालू ने मारने की धमकी दी। मांगीलाल उस समय तो वापस लौट आया लेकिन कुछ दिन बाद अपने बेटों के साथ प्लॉट पर गया तो देखा कि रेवा और कालू ने प्लॉट पर मकान और पशुओं के लिए तबेला बना दिया है। मांगीलाल ने बीती 8 जनवरी को सूरत जिला कलक्टर से मिलकर गुजरात लैंड ग्रेबिंग प्रोहिबिशन एक्ट के तहत शिकायत की।
इस मामले की जांच पलसाणा तहसीलदार को सौंपी गई। तहसीलदार ने जांच कर रिपोर्ट कलक्टर को सौंपी थी। इसके आधार पर चार फरवरी को कलक्टर ने लैंड ग्रेबिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया। मांगीलाल ने इसी आदेश के चलते कड़ोदरा जीआईडीसी थाने में रेवा और कालू के खिलाफ शिकायत दर्ज कारवाई।