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पांच करोड़ में दिया स्टेशन की सफाई का ठेका

locationसूरतPublished: May 17, 2018 10:54:04 pm

मुम्बई रेल मंडल ने सूरत स्टेशन की खोई चमक दोबारा हासिल करने के लिए पांच करोड़ रुपए में सफाई का ठेका प्रभाकर एंटरप्राइजेज को…

Five crore contract to clear the station

Five crore contract to clear the station

सूरत।मुम्बई रेल मंडल ने सूरत स्टेशन की खोई चमक दोबारा हासिल करने के लिए पांच करोड़ रुपए में सफाई का ठेका प्रभाकर एंटरप्राइजेज को दिया है। इस कंपनी के 115 सफाई कर्मचारी आधुनिक मशीनों से स्टेशन की सफाई करेंगे। मंगलवार को मशीनों का पूजन कर सफाई कार्य की शुरुआत की गई।

रेल मंत्रालय ने २०१६ में प्रमुख स्टेशनों की स्वच्छता मानकों के आधार पर रैंकिंग कर राष्ट्रीय सर्वेक्षण जारी किया था। देश के करीब ४०७ स्टेशनों के एक लाख तीस हजार यात्रियों से फीडबैक लिया गया था। यात्रियों ने सबसे अधिक शिकायतें स्टेशनों पर दुर्गंध को लेकर की थीं। यात्रियों से शौचालय, पीने के पानी और कचरा पेटी के अभाव के बारे में भी पूछा गया था। सर्वे के बाद जारी रिपोर्ट में देश के 10 स्वच्छतम स्टेशनों की सूची में पश्चिम रेलवे के पांच स्टेशनों का चयन हुआ था। गुजरात में गांधीधाम दूसरे तथा सूरत छठे स्थान पर रहा था।


सफाई का ठेका बदलते ही सूरत छठे नम्बर से २१वें नम्बर पर पहुंच गया था। मुम्बई रेल मंडल ने सूरत स्टेशन की खोई चमक दोबारा हासिल करने के लिए नया ठेका प्राभकर एंटरप्राइजेज को दिया है। मैक्नाइज्ड क्लीनिंग व्यवस्था के लिए ठेकेदार की ओर से स्टेशन पर दस आधुनिक मशीनों की खरीद की गई है। एक मई से ठेका बदलने पर स्टेशन डायरेक्टर सी.आर. गरूड़ा, स्टेशन मैनेजर सी.एम. खटीक, डीसीएमआई गणेश जादव समेत अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में मशीनों की पूजा कर सफाई कार्य की शुरुआत की गई। रेल अधिकारियों ने बताया कि चौबीस घंटे में तीन पारी में ११५ सफाई कर्मचारी स्टेशन की सफाई के लिए तैनात किए जाएंगे।

आधुनिक मशीनों से होगी सफाई : स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि 2016 के बाद मैन्युअली सफाई का ठेका दिया गया था। इससे रैंकिंग में भारी गिरावट आई। इसलिए मुम्बई रेल मंडल ने फिर से मैक्नाइज्ड क्लीनिंग व्यवस्था के साथ ठेका दिया है। पोछा लगाने के लिए रायडन स्क्रेबर मशीन (कीमत सात लाख रुपए), झाड़ू लगाने के लिए रायडन स्वीपर मशीन (कीमत आठ लाख रुपए), ट्रेक की धुलाई के लिए हाइ प्रेशर जेट मशीन और कचरा सोखने वाली वैक्यूम क्लीनर मशीन समेत दस मशीनें लाई गई हैं।


इएनएचएम ने किया था सर्वे : स्वच्छता रैंकिंग के लिए एनडीए सरकार ने पहली बार सर्वेक्षण का कार्य रेल मंत्रालय के पर्यावरण एवं हाउस कीपिंग प्रबंध निदेशालय को सौंपा था। टीएनएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से आइआरसीटीसी ने भी सर्वे में सहयोग किया था। टॉप टेन स्टेशनों में ब्यास, गांधीधाम, वास्को-डी-गामा, जामनगर, कुम्बाकोनम, सूरत, नासिक रोड, राजकोट, सालेम, अंकलेश्वर का नाम था, वहीं टॉप टेन गंदगी वाले स्टेशनों में मधुबनी, बलिया, बखतियारपुर, रायपुर , शाहगंज, जंघई, अनुग्रह नारायण, सागुली, आरा, प्रतापगढ़ शामिल थे।

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