सूरत समेत गुजरातभर में मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी की जाती है। राज्य सरकार भी इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन करती है, जिसमें दुनियाभर के पतंगबाज भाग लेते हैं। बीते बरस तक सूरत और सापूतारा समेत प्रदेश के विभिन्न शहरों में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन होता रहा था। इस बार कोरोना के कारण राज्य सरकार ने पतंग महोत्सव का आयोजन नहीं किया था। संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए इस बार अपार्टमेंट्स की छत पर बाहरी लोगों का प्रवेश भी बंद करने के आदेश थे। हालांकि कुछ जगहों पर लोगों ने दूसरे अपार्टमेंट्स में जाकर दोस्तों के साथ पतंगबाजी की है, लेकिन कई अपार्टमेंट्स में सोसायटी पदाधिकारियों ने बाहर के लोगों को आने नहीं दिया है।
पतंगबाजी के दौरान मांझा और धागा टूटकर सडक़ों पर आता है और पेड़ों में उलझ जाता है। यह स्थिति वाहन चालकों के साथ ही पक्षियों के लिए भी कई बार जानलेवा साबित होती है। पक्षियों को बचाने और घायल पक्षियों के इलाज के लिए शहर में कई संस्थाएं काम करती हैं। मनपा प्रशासन भी पतंग के इन धागों से लोगों को बचाने के लिए फ्लाइओवर ब्रिज और नदी पुलों पर तार बांध देती है, जिससे धागे और मांझे का जोर हलका पड़ जाता है। लोग भी अपने गले में कपड़ा लपेटकर या दूसरी व्यवस्थाएं करके ही बाहर निकलते हैं।
इस बार मनपा प्रशासन ने मकरसंक्राति पर्व पर दो दिनों के लिए फ्लाईओवर ब्रिजों पर दुपहिया वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि नदी पुलों पर वाहनों को जाने दिया गया, लेकिन उनसे वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की अपील की गई। इसकी वजह लोगों को धागों में उलझ कर होने वाले हादसों से बचाना था। इस व्यवस्था पर गुरुवार और शुक्रवार दोनों दिन सख्ती से अमल किया गया।