राज्य में मोबाइल फोन और चेन की चोरी तथा स्नेचिंग की घटनाएं आम हो गई है। वाहन चोरी की घटनाओं में भी लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन पुलिस थानों में क्राइम रेट कम दर्शाने के लिए इस तरह की वारदातों की प्राथामिकी थानों के रजिस्टर में दर्ज नहीं की जाती। सिर्फ कच्ची अर्जियां लेकर पीडि़त को जांच का आश्वासन दिया जाता है। कई मामलों में तो पीडि़त व्यक्ति की चप्पल घीस जाती है, फिर भी पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करती है। पुलिस के इस तरह के रवैए को लेकर लंबे समय से पुलिस महानिदेशक के साथ ही गृह विभाग को भी शिकायतें मिल रही थी। लोकदरबार जैसे कार्यक्रमों में भी नागरिक यह मुद्दा उठाते रहे हैं। ऐसे में गुजरात सरकार के गृह विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है और नागरिकों की इस समस्या के हल के रूप में ई-एफआईआर प्रोजेक्ट लॉन्च करने का निर्णय किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत मोबाइल, वाहन चोरी, चेन चोरी जैसे घटनाओं में एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने जाना नहीं पड़ेगा। व्यक्ति घर से ही अपने मोबाइल फोन या कम्प्युटर से ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करा सकेगा। गृह विभाग के मुताबिक ई-एफआईआर प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले महानगरों में शुरू किया जाएगा। फिलहाल वेबसाइट और सोफ्टवेर डवलपमेंट का कार्य जारी है। यह कार्य पूरा होते ही प्रोजेक्ट लॉन्च किया जाएगा। महानगरों के बाद इसे पूरे राज्यों में लागू किया जाएगा।
डॉक्यूमेंट्स और घटना स्थल की जानकारी अपलॉड करते ही दर्ज होगी एफआईआर
ई-एफआईआर प्रोजेक्ट के तहत ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने के लिए व्यक्ति को जो चीज चोरी हुई है उसके डॉक्यूटमेंट्स, बिल तथा जिस जगह से चोरी हुई है वहां की जानकारी। यदि सीसीटीवी फुटेज हो तो वह भी अपलॉड करने होंगे। यह जानकारी अपलॉड करने के साथ ही एफआईआर दर्ज हो जाएगी। इसके बाद जांच किस पुलिस कर्मचारी या अधिकारी को सौंपी गई है इसका मैसेज शिकायतकर्ता को मोबाइल पर मिल जाएगा।
सिर्फ 10 फीसदी मामलों में ही दर्ज होती है एफआईआर
राज्य के महानगरों में मोबाइल और चेन स्नेचिंग तथा चोरी की घटनाएं आम बन गई है। सूरत शहर में प्रतिदिन मोबाइल चोरी की 2 से 5 प्राथमिकी दर्ज होती है, लेकिन यह आंकड़ा सिर्फ 10 फीसदी जितना है। हकीकत में शहर में मोबाइल और चेन स्नेङ्क्षचग की 30 से 40 घटनाएं बनती हैं, लेकिन पुलिस एफआईआर दर्ज कराने के बजाए सिर्फ अर्जी लेकर पीडि़त को थाने से रवाना कर देती है।
फिलहाल यह सेवाएं ऑनलाइन
गुजरात पुलिस के सिटीजन पोर्टल से लापता हुई चीजें और व्यक्तियों की जानकारी दर्ज कराने करवाई जा सकती है। इसके अलावा सिनियर सिटीजन पंजीकरण और अर्जी की स्थिति के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।