-फोस्टा चुनाव घोषित करें, नहीं मानेंगे कोई बात न्यू टेक्सटाइल मार्केट को-ऑपरेटिव सर्विस सोसायटी के सहसचिव व मीडिया प्रभारी हरेश लखानी ने बताया कि शनिवार शाम मार्केट के बोर्डरूम में सोसायटी की बोर्ड मीटिंग बुलाई गई थी। बोर्ड मीटिंग में सोसायटी के पदाधिकारियों व सदस्य व्यापारियों की फोस्टा चुनाव के संदर्भ में खासी नाराजगी रही। इसमें पहले तो एनटीएम सोसायटी की ओर से भेजे गए पत्र को रिसीव नहीं किए जाने के मुद्दे पर कपड़ा व्यापारियों के बीच लम्बी चर्चा चली और बाद में फोस्टा चुनाव पर बातचीत की गई। इसमें बताया गया कि किसी भी समाज, संस्था के चुनाव जब होते हैं तो व्यवस्थित तरीके से चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की जाती है, लेकिन फोस्टा में सीधे मतदाता सदस्यता आवेदन पत्र भेजकर नाम मंगवाए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठने स्वाभाविक है कि सूरत कपड़ा मंडी के पौने दो सौ से ज्यादा टेक्सटाइल मार्केट्स से कब तक आवेदन पत्र फोस्टा कार्यालय में पहुंचेंगे, कौन इनकी और कब तक जांच कर मतदाता सूची तैयार करेंगे। इसके बाद फोस्टा चुनाव के नामांकन पत्र की प्रक्रिया समेत अन्य कई अधूरे सवाल और उन पर लगने वाले समय के बारे में भी बोर्ड मीटिंग में खुलकर सोसायटी सदस्य व्यापारियों ने चर्चा की और आखिर में निर्णय किया गया कि जब तक फोस्टा चुनाव घोषित नहीं कर दिए जाते तब तक उनकी किसी तरह की बात को न्यू टेक्सटाइल मार्केट को-ऑपरेटिव सर्विस सोसायटी द्वारा नहीं माना जाएगा।
-पत्र ही नहीं स्वीकारा, जवाब कहां से मिलते? फोस्टा के पदाधिकारी के फोस्टा चुनाव संबंधी बयान के प्रति स्पष्टीकरण के उद्देश्य से शनिवार को जापान मार्केट को-ऑपरेटिव सर्विस सोसायटी ने शनिवार को फोस्टा कार्यालय में पत्र भेजा, लेकिन उसे भी स्वीकार नहीं किए जाने की जानकारी दी है। इस संबंध में सोसायटी अध्यक्ष ललित शर्मा ने बताया कि फोस्टा के महामंत्री चंपालाल बोथरा के फोस्टा चुनाव प्रक्रिया संबंधी बयान पर स्पष्टीकरण के उद्देश्य से फोस्टा कार्यालय में पत्र भेजा था और जानना चाहा था कि मतदाता सदस्यता आवेदन पत्र में मतदाता व्यापारियों के लिए दर्ज नियम का निर्णय बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी से लिया गया था अथवा इसे साधारण सभा में पास करवाया गया था। जापान मार्केट को-ऑपरेटिव सर्विस सोसायटी फोस्टा की 2010 से सदस्य है और सोसायटी ने फोस्टा चुनाव की घोषणा तक कोई निर्देश नहीं मानने का निर्णय किया है, लेकिन चुनावी प्रक्रिया का कभी विरोध नहीं किया। मार्केट सोसायटी का पत्र तक स्वीकार नहीं किए जाने के मामले में स्पष्ट है कि फोस्टा पदाधिकारियों ने एकतरफा रुख अपना रखा है जो कि व्यापारिक संगठन के लिए कतई उचित नहीं है।