वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय ने इस बार बीकॉम, बीबीए और बीसीए पाठ्यक्रम के साथ बीएससी में प्रवेश की पूरी प्रक्रिया को बदल दिया है। पीजी पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। विद्यार्थियों को विकेंद्रित प्रणाली से प्रवेश देने का फैसला किया गया। इसके अनुसार सभी की कॉमन मेरिट तैयार कर महाविद्यालयों को दी गई है।
महाविद्यालयों की ओर से विद्यार्थियों को प्रवेश का एसएमएस भेजा जा रहा है। विद्यार्थियों को तय करना है कि उन्हें प्रवेश लेना है या नहीं। अब तक विद्यार्थियों को 4 लाख से अधिक एसएमएस फॉरवर्ड किए जा चुके हैं, लेकिन कई महाविद्यालयों से एसएमएस नहीं मिले हैं। विद्यार्थी मनपसंद कॉलेजों के एसएमएस का इंतजार कर रहे हैं। दूर-दराज के कॉलेजों से एसएमएस ज्यादा आ रहे हैं।
यह कॉलेज प्रवेश के लिए दबाव बना रहे हैं। विद्यार्थी दुविधा में हैं कि प्रवेश नहीं लिया को कहीं प्रवेश रद्द न हो जाए और लेने के बाद मनपसंद कॉलेज से एसएमएस आ गया तो क्या किया जाए। कॉमर्स पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 31 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया था। इनमें से अब तक करीब 13 हजार विद्यार्थियों ने फीस भर कर प्रवेश निश्चित करवाया है। बीएससी में 15 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश के लिए पंजीकरण करवाया था और अब तक 3 हजार ने फीस भर कर प्रवेश निश्चित करवाया है।
और बढ़ी परेशानी
मनपसंद कॉलेज का एसएमएस नहीं मिलने से विद्यार्थी पहले से परेशान हंै, फीस कटने से उनकी परेशानी बढ़ गई है। सैकड़ों विद्यार्थी ने फीस भर कर प्रवेश निश्चित करवाया। फीस के साथ उन्होंने जरूरी प्रमाण पत्र भी कॉलेज में जमा करवाए। इसके बाद अन्य कॉलेज से एसएमएस आया तो उन्होंने स्थलांतरण के लिए गुजारिश की। विद्यार्थियों को स्थलांतरण की छूट और उन्हें प्रमाण पत्र वापस करने के लिए कॉलेजों को निर्देश दिए गए थे। कॉलेज प्रमाण पत्र तो वापस कर रहे हैं, लेकिन फीस 10-20 प्रतिशत काट कर रिटर्न की जा रही है। अन्य कॉलेज में उन्हें अतिरिक्त रुपए जोडक़र फीस भरनी पड़ रही है। जून तक प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण हो जानी थी, यह अब तक चल रही है और हजारों सीटें खाली पड़ी हैं।